भारत के आईटी कंपनियों के कर्मचारियों ने सरकार से गुहार लगाई है कि सरकार उनकी नौकरी बदलने के तौर-तरीके में बदलाव करे। देशभर के आईटी कंपनियों के करीब 28,000 हजार कर्मचारियों ने एक साथ ऑनलाइन पिटिशन साइन करके श्रम मंत्रालय से मांग की है कि वह आईटी कंपनियों को नौकरी छोड़ने का नोटिस देने के बाद तीन महीने का नोटिस पीरियड सर्व करने से रोके। पिटिशन में कर्मचारियों ने कहा कि इतना लंबा वक्त ठीक नहीं है, किसी को नहीं पता कि 3 महीने के बाद क्या होगा। किसी के लिए भी इतने लंबे समय की प्लानिंग करना संभव नहीं है। आईटी कंपनियों के कर्मचारियों ने अपनी मांग ऐसे समय पर रखी है जब वे अपनी सैलरी हाइक और जॉब ग्रोथ में कमी होने की आशंका से जूझ रहे हैं।
टीसीएस, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, एचसीएल, आईबीएम जैसी कई आईटी कंपनियों में इस्तीफा देने के बाद नौकरी करने वाले को तीन महीने का नोटिस पीरियड सर्व करना होता है यानी इतने समय तक उनके लिए फर्म में काम करना जरूरी है। इस वजह से इंडस्ट्री में काम करने वाले 39 लाख कर्मचारियों को नौकरी बदलने में दिक्कत हो रही है। कर्मचारियों के अनुसार वॉट्सऐप ग्रुप और दूसरे मेसेजिंग ऐप पर 28,000 लोगों के पिटिशन को काफी समर्थन मिल रहा है।
भारत के एक आईटी कंपनी के कर्मचारी ने बताया कि तीन महीने का नोटिस पीरियड कर्मचारियों का शोषण है। उन्होंने बताया कर्मचारी के इस्तीफा देने के बाद आईटी कंपनियां नोटिस पीरियड के जरिए उन्हें तीन महीने तक रोकने की कोशिश करती है, और कर्मचारी जिस नई कंपनी में जाने वाला होता है वो तीन महीने तक रुकने के लिए तैयार नहीं होती। ऐसे में ज्यादातर कर्मचारी कुछ महीनों के लिए बेरोजगार हो जाते हैं और नई नौकरी की तलाश में लग जाते हैं। आगामी वित्त वर्ष में आईटी कंपनियों में सैलरी की बढ़ोतरी का दर 10% से कम रहने के आसार है यही वजह है कि अधिकतर कर्मचारी नौकरी बदलाना चाह रहे हैं।