कोरोना की दूसरी लहर देश से पूरी तरह अभी खत्म नहीं हुई है। देश अब तीसरी लहर की तैयारी में जुट गया है। जानकारों का कहना है कि तीसरी लहर बेहद खतरनाक होने वाली है। यह बच्चों को अपनी चपेट में लेगी। दूसरी लहर में जो वायरस मिला है उसे डेल्टा B.1.617.1 नाम दिया गया है। इस बीच देश में डेल्टा प्लस AY.1 वायरस अपनी बढ़त बना रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस कोरोना की तीसरी लहर के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
इस मुद्दे पर हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण ने बुधवार को कहा कि यह वेरिएंट दुनिया के 9 देशों में है। भारत में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 22 मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 16 महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव से हैं। बाकी के केस मध्य प्रदेश और केरल से हैं।
हेल्थ मिनिस्ट्री के अनुसार भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टिया के हालिया निष्कर्षों के आधार पर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को इस वेरिएंट से सतर्क रहने की सलाह दी गई है। और उन्हें आने वाले समय के लिए तैयार रहने के लिए कहा गिया है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इससे बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
डेल्टा प्लस AY.1 वायरस पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट दुनिया के 80 देशों में है। भारत में दूसरी लहर को बढ़ाने में इसी वैरिएंट को जिम्मेदार बताया जा रहा है। इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा गया है। डेल्टा प्लस वैरिएंट अभी 9 देशों ब्रिटेन, अमेरिका, जापान, रूस, भारत, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, नेपाल और चीन में मिला है। अभी यह वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट की श्रेणी में है। राज्यों को चिट्ठी लिखकर बताया गया है कि उन्हें कैसे डेल्टा प्लस वैरिएंट को डील करना है।
डॉक्टर पॉल ने कहा कि यह किसी को नहीं मालूम कि वायरस कब नया रुप धारण कर तबाही मचाना शुरु कर दे। वैसे कई ऐसे देश हैं जहां कोरोना की दूसरी लहर या चौथी लहर नहीं आई है। लेकिन भारत तीसरी लहर के लिए तैयार रहेगा तो नुकसान कम होगा।