आज कल लोगों के साथ ऑनलाइन फ्रॉड बढ़ गया है। साथ ही ई-कॉमर्स साइट के कारण छोटे दुकानदारों को बड़ा नुकसान हो रहा है। इस मुद्दे ध्यान में रखते हुए उपभोक्ता मंत्रालय ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन (ई-कॉमर्स) रूल्स 2020 में संशोधन का मसौदा जारी किया। इस मसौदे में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए कई नए प्रावधान सुझाए गए हैं। वेबसाइट पर भारी सेल, क्रॉस सेलिंग के नए नियम शामिल हैं। बता दें कि ई-कॉमर्स नियम, 2020 दो साल पहले 23 जुलाई 2020 से अमल में आए थे।

लगातार सेल के जरिए मोटी कमाई करने वाली ई-कॉमर्स वेबसाइट जैसे कि अमेजॉन और फ्लिपकार्ट को लेकर सरकार को शिकायत मिली थी इसमें छोटे बिक्रेताओं का दर्द और ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए लोग भी शामिल हैं। इसके बाद सरकार ने ई-कॉमर्स के लिए कंज्यूमर प्रोटेक्शन रूल्स में बदलाव की तैयारी है।

ई-कॉमर्स वेबसाइट पर चल रही सेल पर सरकार हमेशा के लिए रोक लगाने का विचार कर रही है लेकिन ऐसा करना मुश्किल है लेकिन सरकार तय कर सकती है कि कब कब सेल रहेगा। खास तरह की फ्लैश सेल या ऐसी सेल पर रोक होगी जो एक के बाद एक आयोजित हों, ग्राहकों की पसंद सीमित करे, कीमत बढ़ाने व व्यापार के समान अवसर रोके। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के अनुपालन के लिए एक चीफ कम्प्लायंस ऑफिसर की नियुक्ति की जाएगी।

प्रस्तावित संशोधनों में ई-कॉमर्स कंपनियों को किसी भी कानून के तहत अपराधों की रोकथाम, जांच करने और सरकारी एजेंसी से आदेश मिलने के 72 घंटे के भीतर सूचना मुहैया करानी होगी। मंत्रालय ने कहा है कि उद्योग निकाय और ई-कॉमर्स फर्मों के लिए प्रस्तावित नियमों पर अपना सुझाव और टिप्पणी 6 जुलाई तक भेज सकते हैं। इसके जरिए सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता लाना चाहती है।

बता दें कि भारी सेल से फायदा सिर्फ बड़ी कंपनियों को मिलता है छोटे-मोटे विक्रेताओं को नुकासन हो रहा है। यही कारण है कि सरकार जल्द ही ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए कानून बना सकती है।

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