Delhi Liquor Scam: कथित शराब घोटाला मामले में समन किए जाने के दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को सीबीआई के सामने पेश हुए। इस मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम पहले ही जेल जा चुके हैं। सीबीआई अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति से संबंधित गवाहों के बयानों पर स्पष्टीकरण मांगेगी। सिसोदिया को सीबीआई ने चार्जशीट दायर करने के लगभग तीन महीने बाद फरवरी में गिरफ्तार किया था। वहीं केजरीवाल को समन मिलने के बाद कई आप नेता धरना प्रदर्शन पर बैठ गए हैं।
Delhi Liquor Scam: LG ने की थी जांच की सिफारिश
बता दें कि शराब घोटाला किसी आइसबर्ग की तरह है, जो जितना ऊपर दिख रहा है उससे कहीं अधिक नीचे है। करीब 6 महीने पहले दिल्ली के एलजी ने आबकारी नीति की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। एलजी की सिफारिश के बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज कर जांच शुरू की गई। इस केस में मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया था। 22 अगस्त को इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल भी जुड़ गया। बता दें कि करबी 5-6 महीने जांच करने के बाद सीबीआई ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल इसी मामले में दिल्ली के सीएम से भी पूछताछ जारी है।

एक फोन कॉल से केजरीवाल तक आई आंच
बता दें कि अभी तक इन मामलों से अरविंद केजरीवाल बिल्कुल ही दूर थे। ईडी सीबीआई आबकारी नीति की जांच कर रही थी। जांच के दौरान अचानक एक फोन कॉल की कहानी सामने आई। बताया गया है कि फोन के एक सिरे पर कोई और नहीं बल्कि खुद सीएम अरविंद केजरीवाल बैठे थे। सूत्रों के अनुसार, ये एक वीडियो कॉल थी, जिसके जरिए सीएम केजरीवाल ने एक शराब कारोबारी को दिल्ली आकर काम करने के लिए कहा था।
बता दें कि केजरीवाल औ र शराब कारोबारियों के बीच बातचीत का जरिया बने थे विजय नायर। विजय नायर आम आदमी पार्टी के संचार प्रभारी थे। इन पर जिम्मेदारी थी कि शराब नीति के समर्थन में कारोबारियों को एकजुट करें।
अरविंद केजरीवाल पर कारोबारियों से बातचीत का आरोप
इसी सिलसिले में विजय नायर ने समीर महेंद्रु से कॉन्टैक्ट किया था। सीबीआई और ईडी ये खुलासा पहले ही कर दिया था कि नई शराब नीति के तहत शराब के जिन कारोबारियों को करोड़ों रुपये का फायदा पहुंचाया गया, उन तमाम कारोबारियों से वो खुद डील करता था।
क्या है शराब घोटाला?
नवंबर 2021 में दिल्ली सरकार ने बड़े जोर-शोर से नई आबकारी नीति की शुरूआत की। लिहाजा दिल्ली में शराब काफी सस्ती हो गई और रिटेलर्स को डिस्काउंट देने की छूट भी मिली। हालांकि, बीजेपी ने आरोप लगाए कि शराब लाइसेंस बांटने में धांधली हुई। चुनिंदा डीलर्स को फायदा पहुंचाया गया। जुलाई 2022 आते-आते आंच इतनी तेज हो गई कि उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांग ली। रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच को एलजी ने मंजूरी दे दी। उसी केस की जांच करते हुए सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को अरेस्ट किया है।
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