Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल कर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के बारे में पूरी जानकारी देने को कहा है।दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लाभ पाने के लिए नियम इतने कड़े हैं, उनकी वजह से करोड़ो महिलाएं इन दोनों लाभ से वंचित रह जाती हैं।
याचिका के मुताबिक कोरोना महामारी के दौरान मार्च 2020 में हुए लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना स्कीम चालू की गई।
जिसमें जनधन खाता वाली महिलाओं को हर महीने 500 रुपये का अनुदान उनके खाते में भेजना था। वहीं सिलेंडर भी सिर्फ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में भागीदार होंगे। इसकी वजह से करोड़ो महिलाएं इन दोनों लाभ से वंचित रह जाती हैं।

Delhi High Court: वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की हुई शुरुआत
कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, 2020 (पीएमजेडीवाई) की शुरुआत की गई। इसी के तहत राहत पैकेज की संवैधानिक की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।केंद्र सरकार से जवाब मांगा गया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस योजना में लक्षित लाभार्थियों के एक बड़े हिस्से को शामिल ही नहीं किया गया है।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने सुनवाई के दौरान सवाल उठाया कि मान लीजिए कि एक मजदूर है और उसका खाता है, लेकिन पांच साल से खाली है। अब उसका जन धन खाता सक्रिय नहीं है और उसे भी जरूरत है तो वह तो छूट गया होगा।

Delhi High Court: केंद्र सरकार ने समय मांगा
इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से स्टैंडिंग काउंसल अनिल सोनी ने कोर्ट से स्थिति रिपोर्ट पेश करने के लिए समय देने की मांग की।यह भी आश्वासन दिया कि प्रतिवादी इसका आकलन करेंगे, कि क्या सुधार किया जा सकता है।
इस पर पीठ ने मामले की सुनवाई 20 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।अधिवक्ता प्रशांत भूषण के माध्यम से याचिकाकर्ता आकाश गोयल ने याचिका दायर कर कहा, कि करोड़ों इच्छित लाभार्थियों को सब्सिडी और प्रत्यक्ष लाभ लेने से सिर्फ इस आधार पर योजना से बाहर रखा गया था कि वे सक्रिय जन धन खाताधारक नहीं हैं।
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