दक्षिण-पश्चिम मानसून के जल्द आने की उम्मीद है। इस मानसून के आने से पहले सबसे बड़ी दिक्कत आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए है और उनके लिए परेशानियां काफी बढ़ गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार संभावना है कि 24 घंटे के अंदर ओडिशा में बदलने वाले हालात की वजह से बंगाल की खाड़ी में उठने वाला तूफान लोगो के लिए मुसीबत बन सकता है। इसी तूफान को ‘मोरा’ कहते हैं। मोरा एक चक्रवाती तूफान है और ये इस समय 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि बंगाल की खाड़ी में उठ रहे इस चक्रवाती तूफान की वजह से मानसून केरल से पहले पूर्वोत्तर भारत में दस्तक देगा।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 1 जून को केरल में मानसून के प्रवेश से पहले असम, त्रिपुरा,मिजोरम,मेघालय,नागालैंड और अरूणाचल प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने जून में भी भारी बारिश होने की संभावना जताई है। इसमें पश्चिम बंगाल, सिक्किम,अंडमान निकोबार द्वीप और केरल प्रभावित क्षेत्र हो सकते हैं।
मौसम विभाग ने रविवार को कहा कि खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र होने से दक्षिण पश्चिम मॉनसून के और आगे बढ़ने की संभावना है और इसके सोमवार रात तक एक प्रचंड चक्रवातीय तूफान में तब्दील होने की उम्मीद है। वहीं दिल्ली में भी मौसम में बदलाव आया है और दो-तीन दिनों से हल्की-फुल्की बारिश हो रही है। बता दें कि बिहार में रविवार को भारी बारिश और तेज तूफान के कारण 25 से अधिक लोगो की मौत हो गई।