वरिष्ठ वामपंथी नेता और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी का आज दोपहर निधन हो गया। वे 72 वर्ष के थे और दिल्ली स्थित एम्स में सांस संबंधी बीमारी से ग्रसित थे। सीपीएम नेता को 19 अगस्त को एम्स के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था और बाद में उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था। वे निमोनिया से पीड़ित थे। बता दें कि येचुरी की हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी। सीपीएम की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था पोलित ब्यूरो के तीन दशकों से अधिक समय तक सदस्य रहे येचुरी 2005 से 2017 तक राज्यसभा सांसद थे।
दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र सीताराम येचुरी ने अपना राजनीतिक जीवन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया से शुरू किया और 1975 में सीपीआईएम में शामिल हो गए। वे जेएनयू से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रहे थे, जब इंदिरा गांधी सरकार ने 1975 में आपातकाल लगाया और उन्हें कई अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। जेल से बाहर आने के बाद येचुरी एक साल में तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। इसी दौरान उनकी मुलाकात प्रकाश करात से भी हुई, जो आजीवन उनके साथी रहे।
1992 में उन्हें पोलित ब्यूरो का सदस्य चुना गया। चार साल बाद, वे उन नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने संयुक्त मोर्चा सरकार के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। येचुरी ने 2004 में यूपीए सरकार के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।