Omicron: देश में तेजी से बढ़ते Omicron के मामलों के बीच सरकार ने फैसला लिया है कि लोगों को Booster Dose दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि बढ़ते खतरों को देखते हुए कोरोना वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज भी लगायी जाएगी। प्रिकॉशन डोज को Booster Dose के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार की तरफ से अभी, हेल्थकेयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर के साथ-साथ 60 साल से ऊपर के बीमार बुजुर्गों को बूस्टर डोज देने की बात कही गयी है।
Booster Dose में क्या होगा?
Booster Dose पहले और दूसरे डोज में लिए गए वैक्सीन की तरह ही होगा। कुछ लोगों का मानना है कि यह कुछ अलग हो सकता है लेकिन ऐसी कोई बात अभी तक नहीं बतायी गयी है। इसे एक तरह से तीसरी डोज भी कहा जा सकता है।
कौन ले सकता है बूस्टर डोज?
सरकार की तरफ से अभी हेल्थकेयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर के साथ-साथ 60 साल से ऊपर के बीमार बुजुर्गो के लिए 10 जनवरी से प्रिकॉशनर डोज यानी वैक्सीन की तीसरी डोज लगाने की बात कही गयी है। संभव है कि बाद में इसे अन्य उम्र वर्ग के लोगों के लिए भी लागू किया जाए।
किस कंपनी का होगा बूस्टर डोज?
जैसा कि आप जानते हैं कि यह एक तरह से तीसरे डोज की तरह है इस कारण आप उसी कंपनी का वैक्सीन ले सकते हैं जिसका आपने पहले 2 बार लिया था। अगर आपको कोविशील्ड लगी है तो कोविशील्ड ही आपको बूस्टर डोज के तौर पर भी दी जाएगी।
क्या 60 से ऊपर उम्र के सिर्फ बीमार लोग ही लगवा सकते हैं तीसरी डोज?
सरकार की तरफ से अभी 60 साल से ऊपर के सिर्फ उन्हीं बुजुर्गों को तीसरी डोज लगाने का विकल्प है, जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं।
दूसरी और तीसरी डोज के बीच कितना होगा अंतर?
दूसरे और तीसरे डोज के बीच कितने दिनों का अतंर होना चाहिए इसे लेकर अभी गाइडलाइंस जारी नहीं हुई है। हालांकि जानकारों का कहना है कि दूसरी और तीसरी डोज के बीच 9 से 12 महीने का अंतर हो सकता है।
क्या बूस्टर डोज का भी मिलेगा सर्टिफिकेट?
जिस तरह वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगने पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मिलता है उसी तरह बूस्टर डोज के बाद भी सर्टिफिकेट दी जाएगी।
कैसे बुक करानी होगी बूस्टर डोज?
वैक्सीन की तीसरी डोज लेने के लिए पहले की तरह ही लोगों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा और कोविन ऐप के जरिए यह पूरा प्रोसेस होगा। बीमार बुजुर्गों को मेडिकल सर्टिफिकेट किसी रजिस्टर्ड डॉक्टर से बनवाना होगा। इस सर्टिफिकेट को मरीज के हस्ताक्षर के साथ कोविन पोर्टल पर अपलोड करने के बाद स्लॉट लोगों को मिलेगा। साथ ही साथ हार्ड कॉपी लेकर भी सीधे टीका केंद्र पर जाकर लोग वैक्सीन ले सकते हैं।
किन देशों में बूस्टर डोज लगायी जा रही है?
दुनिया के कई देश अब बूस्टर डोज लगाने जा रहे हैं। सबसे पहले इजरायल ने अपने नागरिकों को बूस्टर डोज लगाने की शुरुआत की। अमेरिका और यूरोप के कई देश भी इजरायल के नक्शेकदम पर चल रहे हैं।
WHO का क्या कहना है?
डब्ल्यूएचओ इस साल लोगों को बूस्टर डोज देने के पक्ष में नहीं था। WHO का कहना था कि इससे दुनिया भर में वैक्सीन की किल्लत हो सकती है। साथ ही गरीब देशों पर मार पड़ सकती है। क्योंकि कोरोना की बूस्टर डोज से महामारी घटने के बजाय बढ़ सकती है। संगठन की तरफ से दावा किया गया था कि वायरस और ज्यादा तेजी से फैलेगा।
बूस्टर डोज की क्यों है जरूरत?
जानकारों का मानना है कि कोरोना वायरस वैक्सीन का छह महीनों में दूसरी डोज का असर समाप्त हो जाता है या कम होने लगता है। वहीं डेल्टा के मुकाबले Omicron वायरस तीन गुना ज्यादा संक्रामक हैं। कोरोना संक्रमित होने की सबसे ज्यादा आशंका वालों को दिए जाने वाले बूस्टर डोज को प्रिकॉशन डोज बताया जा रहा है। सरकार को इस बात का अंदेशा है कि नए वैरिएंट में 2 डोज लेने के बाद भी लोग संक्रमित हो सकते हैं।
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