एक लड़की जो जिस्मफरोशी की दलदल में फंसने जा रही थी। बस महज एक इत्तेफाक और दिल्ली के एक थानेदार की सूझबूझ से वो लड़की इस दलदल में फंसने से बच गई और पुलिस ने लड़की को बेचने वाले दोनों आरोपियों को धर दबोचा।

बिहार के रहने वाले दो लड़के एक लड़की को बेचने की फिराक में थे। जिसके चलते उन दोनों ने जीबी रोड के एक कोठे पर लिखे नंबर पर फोन किया और लड़की बच गई। आइये हम आपको बताते है कि आखिर पूरा मामला क्या है।

दरअसल, करीब एक हफ्ते पहले दिल्ली के कमला मार्केट थाने के एसएचओ सुनील कुमार के फोन पर अनजान नंबर से एक कॉल आई। कॉल अंजान नंबर से थी फिर भी एसएचओ ने फोन उठा लिया। फोन करने वाले ने पूछा कि फोन कहां लगा है, जिस पर एसएचओ ने सूझबूझ से जवाब दिया कि सही जगह लगा है। जहां लगाया है, जीबी रोड पर।

ये सुनते ही फोन करने वाले ने तुरंत पूछा कि लड़की मिल जाएगी। जवाब में एसएचओ ने कहा- हां मिल जाएगी। 5 सौ रुपये से 15 सौ रुपये तक। तब फोन करने वाले ने अपनी मंशा जाहिर की। दरअसल, कॉल करने वाला एक लड़की को बेचना चाहता था। एसएचओ का माथा ठनका और उन्होंने कॉल करने वाले को जाल में फंसाने की तैयारी कर ली।

उस कॉल के बाद एसएचओ सुनील कुमार  ने खुद कोठा मालिक बनकर डील करने लगे। दो सिपाहियों को सादे कपड़ों में खरीदार बनाकर भेजा गया। खरीद-फरोख्त की फाइनल रकम 2 लाख 30 हज़ार तय हो गई। 20 हजार रुपये एडवांस भी दिए गए। जैसे ही आरोपी लड़की को खरीदारों के सामने लाए। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और लड़की को कस्टडी में ले लिया।

फिलहाल दोनों आरोपियों को एक दिन की रिमांड पर लिया गया है। लड़की को शेल्टर होम में रखा गया है। उसके परजिनों को संपर्क किया जा रहा है।

पुलिस का कहना है कि ये दोनों आरोपी बिहार के रहने वाले है । मुख्य आरोपी अमर ने पहले लड़की से दोस्ती की और फिर उसको बहला-फुसला कर गुड़गांव ले आया। जहां अमर और उसके दोस्त रंजीत ने लड़की के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया। जब दोनों को पैसों की जरुरत पड़ी तो उन्होंने लड़की को जीबी रोड़ पर बेचने का प्लान बना लिया।

इसके लिए अमर और रंजीत ने इंटरनेट पर जीबी रोड स्थित कोठों के वीडियो देखे। उन्हीं वीडियोज में एक कोठे के अंदर बोर्ड पर एक मोबाइल नंबर लिखा हुआ नजर आया। दोनों को लगा कि ये कोठेवालों का नंबर है। दोनों ने उस नंबर पर कॉल की और लड़की बेचने की डील करने लगे।

आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने कमला मार्केट थाने के एसएचओ का सरकारी मोबाइल नंबर कोठों के अंदर दीवारों पर लिखवा रखा है। वहां नंबर चस्पा करने का मकसद यह है कि कोठों पर कुछ भी गलत होने पर पीड़ित सीधे तौर पर एसएचओ से संपर्क कर सकें, लेकिन इन दोनों को ये बात नहीं मालूम थी।

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