जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘जीएसटी स्प्रिट’ में संसद का सत्र चलाने की बात कह चुके हैं, वहीं कांग्रेस कुछ मुद्दों के आधार पर मानसून सत्र ठप्प करने की रणनीति बना चुकी है। मीडिया में कांग्रेस का एक डोजियर लीक हुआ है, जिसमें ‘माइनॉरिटी से मॉस्किटो’ तक मोदी सरकार को संसद में घेरने की बात की गई है।
32 पेज के इस डोजियर में मॉब लिंचिंग, सहारनपुर के दंगे, मध्य प्रदेश में किसानों की मौत, गौरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी, कत्लखाने बंद करने, भारत-चीन में तनातनी, पाकिस्तान के साथ सीमा पर गोली बारी और गुजरात में ज़ीका वायरस जैसे मुद्दे शामिल है और कांग्रेस इन मुद्दों पर सरकार को घेरकर संसद ठप्प कराना चाहती है।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के रिसर्च विभाग ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की निगरानी में यह विस्तृत डोजियर तैयार किया है, जिसमें सांसदों को कुल 18 मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने का फार्मूला बताया गया है। इस डोजियर में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को अटैकिंग पॉइंट भी बताया गया है।
बीजेपी ने इस दस्तावेज को समाज का बांटने वाला करार दिया और कहा कि कांग्रेस की इस सूची में समाज को ध्रुवीकरण के जरिए बांटने वाले मुद्दे मसलन मॉब लिंचिंग, गोरक्षा के नाम पर हिंसा और पशु हत्या आदि को नौकरियों में कमी, जीएसटी के असर जैसे अहम मुद्दों से ऊपर रखा गया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि यह दस्तावेज देश को आगे ले जा रही मोदी सरकार की रणनीति को पीछे धकेलने की कोशिश है।
कांग्रेस ने इस पूरे दस्तावेज को सिरे से खारिज कर दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। सुरजेवाला ने कहा, ‘बीजेपी को मुद्दों से भागने की आदत है। हम लोगों से जुड़े मुद्दों को उठाना और उनके लिए लड़ना जारी रखेंगे।’
वही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल परोक्ष रूप से इस डोजियर की बात तो स्वीकार करते है, लेकिन साथ ही बीजेपी से सवाल करते हैं कि, ‘क्या बीजेपी यह कहना चाहती है कि हम सदन में कोई मुद्दा ही नहीं उठाए या फिर आंतरिक उपयोग के लिए कोई डोजियर ही नहीं बना सकते ?’