बिहार समेत देश के कई राज्यों में आस्था का महापर्व छठ बेहद धूमधाम से मनाया गया। आज सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व का समापन हो गया। महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान रविवार को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ था। सोमवार को खरना पूजा भी संपन्न हुई तो वहीं मंगलवार शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया। ब्रहममूहूर्त में अंधेरे से ही नदी और तालाबों के किनारे बने घाटों पर श्रद्धालुओं का जुटना शुरू हो गया। वहीं बिहार में श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम किए गए।
बिहार के इस सबसे प्रमुख त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। छठी मइया को ठेकुआ, मालपुआ, खीर, खजूर, चावल का लड्डू और सूजी का हलवा आदि का प्रसाद चढ़ाया गया। व्रती भक्तों ने ठंडे पानी में खड़े होकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया। इससे पहले 13 नवंबर शाम को ढलते सूरज को पहला अर्घ्य दिया गया था। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक कोई डूबते सूर्य को प्रणाम नहीं करता, लेकिन छठ ही एक ऐसा पर्व है, जिसमें लोग सिर्फ उगते सूर्य को ही अर्घ्य नहीं देते, बल्कि वे डूबते सूर्य को भी अर्घ्य देते हैं।
व्रतियों ने शाम में खड़े होकर भगवान स्रूर्य की आराधना की। सूर्य अस्त होने के बाद सभी लोग घर की ओर प्रस्थान कर गए। आज सुबह से ही व्रतियों का घाटों पर जुटना शुरू हो गया। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ का व्रत संपन्न हो जाएगा। इसके बाद वहां मौजूद लोगों के बीच ठेकुआ और पूजा में उपयोग किए गए फलों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा।
चार दिनों तक चलने वाले इस पूजा में घर के सभी सदस्य भाग लेते हैं। नए नए कपड़े पहन कर सभी लोग छठ घाट तक जाते हैं और वहां होने वाले पूजा में शामिल होते हैं। इस दौरान बच्चों में खासा जोश देखने को मिलता है। इस दौरान जो लोग इस व्रत को नहीं कर रहे होते हैं वह व्रती के सूप को जल अर्पण करते हैं।
वहीं पटना की बात करें तो सायंकाल प्रथम अर्घ्य का समय 4.30 बजे से 5.20 मिनट के बीच था। बुधवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय प्रात: 6.32 से 7.15 बजे तक का था।
पूरे राज्य में घाटों पर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा की व्यवस्था की गई।अनहोनी को रोकने के लिए जगह-जगह नौकाओं के साथ एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें बुधवार सुबह तक तैनात की गईं थीं। सड़कों से लेकर घाटों तक दंडाधिकारी व पुलिसकर्मी तैनात रहे। पटना में एसएसपी मनु महाराज ने सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली। इसके पहले सोमवार को भी उन्होंने घाटों का निरीक्षण किया।
अस्ताचलगामी भगवान भास्कर के अर्घ्य के अवसर पर गंगा नदी के विभिन्न छठ घाटों का भ्रमण करते हुए।#ChhathPujahttps://t.co/qqeT4fFZRv pic.twitter.com/vGqNPO6YCT
— Nitish Kumar (@NitishKumar) November 13, 2018
बता दें कि छठ के दौरान मंगलवार को पटना में घाटों का निरीक्षण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। उन्होंने पूजा व सुरक्षा की व्यवस्था को देखा। मुख्यमंत्री के साथ मंत्री नंद किशोर यादव और जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भी थे। इसके बाद उन्होंने लोगों को छठ की शुभकामनाएं दीं तथा छठ के आत्मानुशासन को जीवन में अपनाने पर बल दिया।