केन्द्र सरकार ने संसद में नोटबंदी से जुड़े आंकड़ो को पेश किया हैं। इन आंकड़ों में सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा चार लोगों की मौत का है।
सरकार के अनुसार स्टेट बैंक ने बताया है कि नोटबंदी के दौरान उसके तीन स्टाफ के लोग और एक ग्राहक की मौत हुई थी।
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान मंगलवार को सांसद एलामरम करीम के सवालों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि वर्ष 2016-17 में नोटबंदी के बाद नए नोटों की छपाई पर 7965 करोड़ रुपए खर्च हुए।
हालांकि साल 2015-16 में यह रकम 3421 करोड़ रुपए थी। वहीं साल 2017-18 में नोटों की प्रिंटिंग पर 4912 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि स्टेट बैंक को छोड़कर बाकी किसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने नोटबंदी के दौरान हुई मौतों का कोई आंकड़ा नहीं दिया है।
स्टेट बैंक ने बताया कि नोटबंदी के दौरान उसके तीन स्टाफ और एक ग्राहक की मौत हुई थी।
ग्राहक की मौत पर उसके परिजनों को तीन लाख रुपए का मुआवजा दिया गया, जबकि तीनों स्टाफ के परिजनों को 41 लाख 6868 रुपए मुआवजे के तौर पर दिए गए।