केंद्र की नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए लाल बत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। 1 मई से सिर्फ 5 लोग ही लाल बत्ती का इस्तेमाल कर पाएंगे। जो लोग लाल बत्ती का इस्तेमाल कर सकेंगे उसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश और लोकसभा अध्यक्ष का नाम शामिल है।
कैबिनेट के दौरान कई अन्य कई फैसले भी लिये गये हैं। कैबिनेट ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए वीवीपैट मशीनें खरीदने को भी मंजूरी दे दी है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि,चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार के सामने प्रस्ताव रखा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यह फैसला लिया गया। गौर करने वाली बात यह है कि लाल बत्ती का मुद्दा आज की कैबिनेट बैठक की लिस्ट में नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी खुद लाल बत्ती कल्चर को खत्म करना चाहते थे। इसलिए पीएम ने खुद इसकी पहल करते हुए प्रस्ताव कैबिनेट में रखा, जिस पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी।
आपको बता दें कि देश में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानममंत्री, कैबिनेट मंत्री, कैबिनेट स्तर के कई बड़े अधिकारी, राज्यों में मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रदेश में कैबिनेट मंत्री अपनी कारों पर लाल बत्ती का इस्तेमाल करते थे। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को लाल बत्ती इस्तेमाल करने की इजाजत है। पुलिस की कार पर भी लाल बत्ती के इस्तेमाल की इजाजत हैं।
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद कोई भी नेता या अधिकारी अपनी कार पर लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। हालांकि पुलिस और आपात काल सेवाओं की कार पर लाल बत्ती के इस्तेमाल करने की इजाजत है। इसके अलावा राज्यों को इस मामले में छूट है कि वह अपने अनुसार इस फैसले को लागू कराएं। केंद्र के इस फैसले को लागू कराने के लिए परिवहन विभाग अलग से एक कानून लाएगा। जिसके तहत लाल बत्ती का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।