उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र में सोमवार को गोकशी के विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित गौरक्षकों की भीड़ और पुलिस के बीच हुई झड़प में कोतवाली निरीक्षक समेत दो लोगों की मौत हो गयी जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये। मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिये गये हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उत्तेजित गौरक्षकों ने चिंगरावटी पुलिस चौकी पर जमकर तोड़फोड़ कर आग लगा दी। पुलिस की कई जीप और आधा दर्जन दो पहिया वाहन फूंक डाले गये। पथराव से स्याना कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह की सिर में पत्थर लगने से मृत्यु हो गयी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में चिंगरावटी गांव के एक गौ रक्षक सुमित कुमार की गोली लगने से मौत हुई। झड़प के दौरान पुलिस क्षेत्राधिकारी सत्य प्रकाश, दरोगा सुरेश चौधरी, होमगार्ड का जवान राजेन्द्र के अलावा एक अन्य व्यक्ति पत्थर लगने से घायल हुए हैं।

इस बीच लखनऊ में पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने बुलंदशहर की घटना की एसआईटी जांच के आदेश दिये है। मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुये गाजियाबाद और नोयडा से अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया है। जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार,एसएसपी केबी सिंह और मेरठ मुख्यालय से अपर पुलिस महानिदेशक प्रशान्त कुमार, पुलिस महानिरीक्षक राम कुमार एवं आयुक्त अनिता मेश्राम मौके पर कैम्प किये हुये हैं। एडीजी प्रशान्त कुमार ने दावा किया कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। अभी किसी पक्ष की ओर से कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।

सूत्रों ने बताया कि स्याना क्षेत्र के गांव महाव में तड़के खेतों में दो दर्जन से अधिक गौवंश मृत अवस्था में पड़े मिले जिसे क्षेत्र में सनसनी फैल गयी। मामले की सूचना मिलते ही बड़ी तादाद में गौरक्षक एवं हिन्दू संगठनों से जुडे कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गये। जब तक पुलिस मौके पर पहुंचती, गौरक्षक गौवंश के अवशेषों को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर  स्याना-बुलन्दशहर रोड स्थित चिंगरावटी पुलिस चौकी पर ले आये। गौरक्षकों ने ट्रैक्टर ट्राली को सड़क के बीचोंबीच खडी कर पुलिस प्रशासन विरोधी नारेबाजी की और  सड़क पर धरना शुरू कर दिया जिससे सड़क के दोनो ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी। हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि क्षेत्र में गौकशी धडल्ले से की जा रही है जिसकी शिकायत पुलिस प्रशासन से भी की गयी लेकिन पुलिस ने कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की।

सड़क पर धरना और यातायात जाम की सूचना पर स्याना के प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पा पहुंचे और उन्होंने प्रभावी कार्रवाई का आश्वासन देते हुए धरना जाम समाप्त कराने का प्रयास किया लेकिन भीड़ ने उनकी अपील को अनसुना करते हुये धरना जारी रखा। प्रभारी निरीक्षक ने स्थिति हाथ से निकलते हुए देख पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी जिससे आसपास के थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गयी। पुलिस क्षेत्राधिकारी सत्य प्रकाश भी मौके पर मौजूद थे।

सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने आन्दोलनकारियों को जबरन धरने से उठाकर जाम खुलवाने का प्रयास किया जिस पर भीड़ की पुलिस से झड़प हो गयी। आरोप है कि आन्दोलनकारियों में कुछ उपद्रवी तत्व भी शामिल हो गये। पुलिस ने जब हवा में लाठियां लहराकर भीड़ को तितर बितर करना चाहा तब उपद्रवी तत्वों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। एक पत्थर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिर में लगा जिससे वह चोटिल होकर जमीन पर गिर पड़े और उनकी मौके पर ही मौत हो गयी।

इंस्पेक्टर के घायल होते ही पुलिस और पीएसी ने अधाधुंध लाठियां बरसानी शुरू कर दी। इसी बीच आन्दोलनकारियों की ओर से किसी ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की गोली लगने से ग्राम चिंगरावटी का 27 वर्षीय सुमित घायल हो गया जिसने बाद में दम तोड़ दिया। बेकाबू उपद्रवियों ने चिंगरावटी पुलिस चौकी में आग लगा दी। पुलिस निरीक्षक, पुलिस क्षेत्राधिकारी के वाहन को पत्थराव करके क्षतिग्रस्त कर दिया और बाद में दोनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया। उपद्रवी तत्वों ने पुलिस चैकी के आसपास खड़े एक दर्जन वाहनों में तोड़फोड़ की और बाद में उनमें आग लगा दी। इनमें आधा दर्जन दो पहिया वाहन भी शामिल हैं।

                                   -साभार, ईएनसी टाईम्स

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