कोरोना काल में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अप्रैल माह में भारत का दौरा करेंगे। इससे पहले गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर उनका भारत आना तय था, लेकिन कोरोना वायरस मामले एक बार फिर बढ़ने के कारण उन्होंने यात्रा को रद्द कर दिया था। उस समय बोरिस ने वादा किया था कि, वे जल्द ही भारत आएंगे। उस वादे को पूरा करते हुए बोरिस जॉनसन अप्रैल के अंत तक भारत भ्रमण पर आएंगे। बता दें कि, Brexit के बाद जॉनसन का यह पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा होगा।
गणतंत्र दिवस के मौके पर बोरिस जॉनसन भारत आने वाले थे लेकिन उस समय ब्रिटने में कोरोना के नए वेरिएंट ने हडकंप मचाया हुआ था जिसके बाद जॉनसन ने अपना दौरा रद्द कर दिया था। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की तरफ से भारत यात्रा की पुष्टि दो दौरे के रद्द होने के बाद हुई है। जनवरी में वे दोनों देशों के बीच कारोबार की चर्चा को बढ़ाने के इरादे से पहुंच रहे थे। डाउनिंग स्ट्रीट ने घोषणा की थी कि जॉनसन जनवरी 2021 को रणनीतिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए यात्रा करेंगे। ये पूरे यूनाइटेड किंगडम में नौकरियों और निवेशों का समर्थन करता है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कार्यालय के हवाले से उनके दौरे की जानकारी दी है। सरकार का कहना है कि यह आने वाले वर्षों के लिए सरकार की नीति की एकीकृत समीक्षा के हिस्से के रूप में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की ओर अपना ध्यान केंद्रित करेगा. सरकार के अनुसार, यह क्षेत्र बड़े स्तर पर दुनिया के जियोपॉलिटिकल केंद्र का प्रतिनिधित्व करता है।
बीते महीने ब्रिटेन ने कॉम्प्रेहैंसिव एंड प्रोग्रेसिव एग्रीमेंट फॉर ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप यानी कि, सीपीटीपीपी में शामिल होने के लिए औपचारिक अनुरोध किया है। साथ ही देश ने एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशन्स का वार्ता साझेदार बनने के लिए भी आवेदन किया है। बीते दिसंबर में विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने लिखा था ‘हम ऑस्ट्रेलिया से लेकर अमेरिका और पूरी दुनियाभर के व्यापार सौदों को देख रहे हैं। खासतौर से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को।’ उन्होंने इसे भविष्य का बड़ा बाजार बताया था।