जिसकी लाठी उसकी भैस, यह कहावत राजनीति के लिए सटीक बैठती है। सियासत किसी की सगी नहीं होती। यहां जिसका पलड़ा भारी होता है, नेता उसी ओर झुक जाते हैं। इस कहावत को भाजपा नेता ने सही साबित कर दिया है। हाल ही में समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले नरेश अग्रवाल ने राहुल गांधी की तुलना बंदर से कर दी है। नरेश अग्रवाल ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, कि बंदर को उस्तरा दे दोगे तो क्या हालत होंगे? ऐसे ही विपक्ष ने दे दिया है जिससे देश के टुकड़े हो जाएंगे।

अग्रवाल ने कहा ‘मुझे आज भी याद है कि जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं, मैं कांग्रेस में था। तब लोग आलोचना किया करते थे कि इंदिरा जी कुछ नहीं करतीं लेकिन जब भी चुनाव आता था तो वोट इंदिरा गांधी को ही मिलते थे। ठीक इसी तरह क्या मोदी जी के विपक्ष में कोई व्यक्ति है जो सरकार चला सकता है? क्या राहुल गांधी चला पाएंगे? उन्होंने कहा कि मैं राहुल को सिर्फ इस वजह से कुछ नहीं कहता क्योंकि राजीव जी हमारे नेता थे और वह उनके बेटे हैं। लेकिन इतना कह सकता हूं कि विपक्ष अपरिपक्व नेतृत्व में है।

हरदोई जिले पहुंचे नरेश अग्रवाल ने नुमाइश मैदान में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा, कि मोदी की बाढ़ है तो बाकी सब एक घाट पर हैं। बाढ़ में शेर, बकरी एक ही घाट पर पानी पीते हैं।

वहीं अपनी पूर्व पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की आलोचना करते हुए नरेश अग्रवाल ने कहा, कि जो अपने बाप का न हुआ वह मेरा क्या होगा? अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए अग्रवाल ने कहा, ‘अखिलेश फिल्मी कलाकार (राज्यसभा सदस्य जया बच्चन) पर इतना खुश हो गए कि 40 साल का इतिहास बनाए एक व्यक्ति को दरकिनार कर दिया। उसे दरकिनार कर दिया जिसने तुम्हें अध्यक्ष बनाया, जिसने समाजवादी पार्टी को मजबूत किया, जो पूरे प्रदेश में खुल कर लड़ता रहा। तुमने उसी व्यक्ति को अपमानित कर दिया। अगर इतनी ही शान है तो जाकर बहन जी (मायावती) के पैर क्यों छू लिए।

वहीं विपक्ष में सपा-बसपा की तुलना भेड़ बकरी से करते हुए कहा, कि सपा-बसपा समझौते के बाद 2 सीटें जीतने पर ही इतनी खुश हो रही है। अब कैराना का चुनाव हो रहा है और अखिलेश मायावती के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं कि समर्थन दे दो। ऐसी पार्टी किस काम की जो समर्थन की चाहत में चल रही हो।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here