राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के 65 साल के वर्चस्व के तोड़ते हुए बीजेपी ने इतिहास रच दिया है। मध्य प्रदेश के बीजेपी नेता सम्पतिया उइके के सदस्यता ग्रहण करते ही बीजेपी राज्यसभा की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। अब बीजेपी के राज्यसभा में 58 सदस्य हो गए है और वह कांग्रेस पार्टी के 57 सदस्यों से आगे हो गई है। हालांकि, सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद बीजेपी 245 सीटों वाली राज्यसभा में बहुमत से अभी भी काफी पीछे है।
उइके का चुनाव निर्विरोध हुआ है, वह केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे के स्थान पर राज्यसभा पहुंचे हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी 2018 तक राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में रहती लेकिन उसके दो सदस्यों की मृत्यु हो जाने के बाद इस साल ही उसके सदस्यों की संख्या कम हो गई।
अगले मंगलवार को राज्यसभा की 9 सीटों के चुनाव होने हैं। इनमें से 6 पश्चिम बंगाल से हैं और 3 गुजरात से हैं। इस चुनाव से बीजेपी की बढ़त पर कोई खतरा नहीं है, क्योंकि इन 9 सीटों में से कांग्रेस को 2 से अधिक सीट मिलने की उम्मीद नहां है। बीजेपी गुजरात की 2 सीटों पर आसानी से जीत रही है, वहीं तीसरी सीट पर भी वह कांग्रेस के अहमद पटेल को हराने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है।
वहीं, बंगाल से 2 कांग्रेस सांसदों का कार्यकाल समाप्त हुआ है, लेकिन पार्टी केवल 1 ही सांसद को वापस राज्यसभा भेज पाएगी। ममता बनर्जी ने जिस प्रकार से विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की है उससे साफ है कि वह अन्य 5 सीटें आसानी से जीत लेगी।
बीजेपी को राज्यसभा में अगले साल काफी फायदा हो सकता है, क्योंकि अगले साल यूपी के लिए राज्यसभा के चुनाव होंगे और बीजेपी को उम्मीद है कि वह यूपी के 9 में से 8 सीटों पर जीत जाएगी। बीजेपी ने हाल ही में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में बहुत बड़ी जीत हासिल की थी।
आपको बता दें कि लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत जरूर है लेकिन राज्यसभा में पार्टी को बिल पास कराने के लिए सहयोगी दलों की ओर देखना पड़ता है। इसमें एआईएडीएमके, टीडीपी, टीआरएस और बीजद उनकी मदद करते हैं। जेडीयू के राज्यसभा में 10 सांसद हैं और बीजेपी को जेडीयू के साथ आने से लाभ मिल सकता है।
इस उपलब्धि पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पार्टी का जनाधार बढ़ा है और कई राज्यों में पार्टी की सरकार है इसलिए राज्यसभा में पार्टी सांसदों की संख्या बढ़ती जा रही है। जेटली ने कहा कि वह प्रयास करेंगे की राज्यसभा में ज्यादातर मुद्दों पर आम सहमति जुटाया जाए न की वोटिंग के जरिए काम हो।
वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने माना कि यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। बीजेपी कई राज्यों से जीत के आई है और राज्यसभा राज्यों का ही प्रतिनिधित्व करती है। जबकि डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि सरकार के बहुमत के बावजूद वह उम्मीद करती हैं कि राज्यसभा में राज्य की पार्टियों की आवाज को सम्मान मिलेगा।