आखिरकार 5 राज्यों में महीनों से चली आ रही सत्ता की जंग आज समाप्त होने को है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना आज शुरु हुई। हमारे न्यूज़ चैनल एपीएन पर आप इस चुनाव परिणाम का सबसे तेज महाकवरेज देख सकते है। अभी तक आ रहे रुझानों में पंजाब, गोवा और मणिपुर में कांग्रेस को बहुमत मिलता नजर आ रहा है लेकिन उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में जहां कांग्रेस और सपा को सबसे ज्यादा उम्मीद थी वहां बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलता नजर आ रहा है।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने सीटों का तिहरा शतक लगा दिया है। सभी अनुमानों को ध्वस्त करते हुए भाजपा ने 300 से अधिक सीटों पर अपना परचम लहरा कर ऐतिहासिक जीत हासिल की है। उत्तर प्रदेश में इससे पहले किसी पार्टी ने इतनी बड़ी जीत हासिल नहीं की थी। यहां तक 1991 की राम लहर पर सवार होकर भी भाजपा इतनी सीटें हासिल नहीं कर पायी थी। जब 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन चला था, तब भाजपा ने यूपी में बहुमत हासिल किया था। कल्याण सिंह के नेतृत्व में लड़े गए वर्ष 1991 के चुनाव में भाजपा को 221 सीटें मिलीं थीं। इसके बाद से भाजपा कभी इस आंकड़े के आसपास तक नहीं पहुंच सकी। लेकिन मोदी की सुनामी ने इस आंकड़े को पार करने में सफलता हासिल कर ली है।
बहराल, एपीएन की महाकवरेज के अनुसार बीजेपी उत्तर प्रदेश में कमल खिलाने जा रही है। हालांकि चुनाव के शुरुआती दौर में विशेषज्ञों का मानना था कि बीजेपी का प्रदर्शन खास नही रहा पर मोदी की लहर और पूर्वांचल मे उनकी ताबड़तोड़ रैलियों ने भाजपा को काफी आगे पहुंचा दिया। समाजवादी पार्टी में आपसी कलह और उसके बाद कांग्रेस से गठबंधन जनता को पसंद नहीं आया और ना ही मायावती के वादे लोगों को भाए।
मोदी की इस लहर का असर पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी दिखा। खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत भी हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा सीट से चुनाव हार गए। खबर लिखे जाने तक बीजेपी 70 में से 57 सीटों पर जीत और बढ़त बनाए हुए है।
यूपी और उत्तराखंड में चारों खाने चित कांग्रेस को पंजाब ने ढांढस दिया। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पार्टी शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन को सत्ता से बेदखल करने में कामयाब रही। कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 69 पर जीत के साथ 78 सीटों पर आगे है। वहीं, शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन केवल 17 सीटें (अकाली दल-14, बीजेपी-तीन) जीत सकी है। यहां पहली बार चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी (आप) मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी है, जिसने 20 सीटें जीती हैं।