प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात में इन्वेस्टर समिट (Investor Summit) के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस समिट में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल रहे।
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पीएम मोदी ने आयोजित निवेशकों के सम्मेलन को वर्चुअल तौर पर संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने केंद्र सरकार की स्क्रैप नीति को देश के विकास में अहम बताया है। पीएम मोदी ने इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में आज नेशनल आटोमोबाइल स्क्रैपिंग नीति लान्च हो रही है, जो देश के आटोमोबाइल सेक्टर को एक नई पहचान देगी। खराब और प्रदूषण फैलाने वाले व्हीकल्स को वैज्ञानिक तरीके से सड़क से हटाने में ये नीति अहम भूमिका निभाएगी।
आने वाले 25 साल काफी अहम
उन्होंने कहा कि मोबिलिटी का देश के विकास में अहम योगदान है। 21वीं सदी का भारत कन्वेनिएंट और क्लीन लक्ष्य को लेकर चले, ये समय की मांग है। ये नीति तेज विकास के सरकार के कमिटमेंट को दर्शाती है। ये देश की आत्मनिर्भरता को भी आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले 25 सालो में देश के लिए बेहद अहम हैं। आज मौजूद संपदा हमें धरती से मिल रही है, वो भविष्य में कम हो जाएगी और इसलिए भारत डीप ओशियन की नई संभावनाओं को तलाशने में लगा है। क्लाइमेट चेंज को हर कोई अनुभव कर रहा है। इसलिए देश को बड़े कदम उठाने भी जरूरी हैं। बीते सालो में ऊर्जा के सेक्टर में काफी तरक्की की है।
वेस्ट टू वेल्थ की तरफ है नई स्क्रैप नीति
पीएम ने नई स्क्रैप नीति को वेस्ट टू वेल्थ की दिशा में एक अहम कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ रोजगार मिलेगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी तेजी मिलेगी। उन्होंने बताया कि ये नीति हमारे जीवन से जुड़ी हुई है। पुरानी गाड़ियों की वजह से होने वाले हादसों को इस नीति के तहत रोका जा सकेगा। जिसके पास स्क्रैप सर्टिफिकेट होगा उसको रजिस्ट्रेशन के नाम पर दिया जाने वाला पैसा नई गाड़ी की खरीद पर नहीं लगेगा। साथ ही नई गाड़ी खरीदने वालों को कई दूसरी तरह की छूट भी मिलेंगी।
सात कंपनियों ने सरकार के साथ किया एमओयू(MOU) साइन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इथेनॉल हो, हाइड्रोजन फ्यूल हो या फिर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, सरकार की इन प्राथमिकताओं के साथ इंडस्ट्री की सक्रिय भागीदारी बहुत ज़रूरी है। R&D से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर तक, इंडस्ट्री को अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी होगी। इसके लिए जो भी मदद आपको चाहिए, वो सरकार देने के लिए तैयार है। बता दें कि गुजरात में हर साल इस तरह के इन्वेस्टर समिट का आयोजन होता है, जिसकी शुरुआत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही की थी। शुक्रवार को हुए इस कार्यक्रम में कुल सात कंपनियों ने सरकार के साथ एमओयू(MOU) साइन किया है। इनमें 6 गुजरात की और एक असम की कंपनी शामिल है।