इजराइल पर हमले का जिक्र किए बिना हमास और फिलिस्तीन मुद्दे का समर्थन करने के लिए कांग्रेस बीजेपी के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस का कहना है कि हमास को लेकर उसके प्रस्ताव पर पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। देश की सबसे पुरानी पार्टी ने बीजेपी को याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी फिलिस्तीनी लोगों के हित के पक्ष में थे। मालूम हो कि बीजेपी ने इजरायल पर हुए आतंकवादी हमले का जिक्र नहीं करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की है।
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि पार्टी की वर्किंग कमेटी के प्रस्ताव को लेकर पार्टी के भीतर कोई मतभेद नहीं है। गोगोई ने कहा कि बीजेपी लोगों का ध्यान भटकाने और चुनाव टिकट वितरण को लेकर पार्टी में चल रही दरार से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। इस मुद्दे के बारे में गोगोई ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीजेपी कांग्रेस कार्य समिति के प्रस्ताव का राजनीतिकरण कर रही है। हम सभी चाहते हैं कि भारतीय इजरायल और गाजा में सुरक्षित रहें और वे सुरक्षित घर लौट आएं।”
उन्होंने कहा, “कोई नाराजगी नहीं है और ये सब अफवाहें हैं। यह अफसोस की बात है कि लोग कांग्रेस के प्रस्ताव पर राजनीति कर रहे हैं…चाहे इजराइल में हों या गाजा में, हम चाहते हैं कि भारतीय नागरिक सुरक्षित रहें। उन्हें वापस आना चाहिए, ऐसा होना चाहिए।”
गोगोई ने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पहले ही पार्टी की स्थिति स्पष्ट की थी और हमास के हमलों और फिलिस्तीन मुद्दे दोनों का उल्लेख किया था। गोगोई ने आरोप लगाया कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुनावी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के बाद बीजेपी को आंतरिक विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है और अब वह इस आंतरिक दरार से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है और ऐसे मुद्दे उठा रही है।
उन्होंने कहा, ”मैं कैलाश विजयवर्गीय जी से कहना चाहूंगा कि उन्हें वाजपेयी जी का भाषण याद रखना चाहिए और उन्होंने जो कहा था उसका विश्लेषण करना चाहिए। भारत जोड़ो यात्रा की सफलता के बाद, बीजेपी केवल कांग्रेस के बारे में बात कर रही है और अपने इतिहास के साथ-साथ वाजपेयीजी के भाषण को भी भूल गई है।”
दरअसल इससे पहले बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था, “अत्यंत निंदनीय। कांग्रेस ने इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के संबंध में फिलिस्तीन के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया है।” उन्होंने कहा, ”कांग्रेस ने एक बार फिर राष्ट्रनीति और राष्ट्रहित के खिलाफ फैसला लेते हुए प्रस्ताव पारित किया है। एक धर्म विशेष के लोगों को खुश करने के लिए कांग्रेस कितनी नीचे गिर सकती है?”
उन्होंने कहा, ”अब कांग्रेस आतंकवाद से भी समझौता करने को तैयार है। हम और हमारी पार्टी विपक्ष में भी रही है लेकिन कभी भी राष्ट्रहित के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया।” विजयवर्गीय ने विपक्षी पार्टी के चुनाव चिह्न का जिक्र करते हुए कहा, ”कांग्रेस का हाथ आतंकवाद के साथ है।”
बता दें कि अपने प्रस्ताव में, कांग्रेस ने कहा है, “पार्टी मध्य पूर्व में छिड़े युद्ध पर अपनी निराशा और पीड़ा व्यक्त करती है, जहां पिछले दो दिनों में एक हजार से अधिक लोग मारे गए हैं। पार्टी फिलिस्तीनी लोगों के भूमि, स्वशासन और गरिमा और सम्मान के साथ जीने के अधिकारों के लिए अपने लंबे समय से चले आ रहे समर्थन को दोहराती है। हम तत्काल युद्धविराम का आह्वान करते हैं और सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत शुरू करने का आह्वान करते हैं। वे अनिवार्य मुद्दे जिन्होंने वर्तमान संघर्ष को जन्म दिया है।”
आइए आपको उस भाषण के बारे में बताते हैं जिसकी याद कांग्रेस बीजेपी को दिला रही है। दरअसल 1977 में आम चुनाव होने थे। उसी समय एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था,” ये कहा जा रहा है कि जनता पार्टी की सरकार बन गई तो वह अरबों का साथ नहीं देगी , इजराइल का साथ देगी। आदरणीय मोरारजी भाई स्थिति को स्पष्ट कर चुके हैं। गलतफहमी को दूर करने के लिए मैं कहना चाहता हूं कि हम एक प्रश्न को गुण और अवगुण के आधार पर देखेंगे। लेकिन मध्यपूर्व के बारे में स्थिति साफ है कि अरबों की जिस जमीन पर इजरायल कब्जा कर के बैठा है उसे वह जमीन खाली करनी होगी। ”
वाजपेयी ने कहा था, ”आक्रमणकारी आक्रमण के फलों का उपभोग करे यह हमें अपने संबंध में स्वीकार नहीं है। जो नियम हम पर लागू है वह औरों पर भी लागू होगा। अरबों की जमीन खाली होनी चाहिए, जो फिलिस्तीनी हैं उनके उचित अधिकारों की प्रस्थापना होनी चाहिए। इजराइल के अस्तित्व को सोवियत रूस और अमेरिका ने स्वीकार किया है। हम भी कर चुके हैं। मध्यपूर्व का ऐसा हल निकालना पड़ेगा जिसमें आक्रमण का परिमार्जन हो, शांति का आधार बने। ”