Anti Conversion Bill: शीतकालीन सत्र के दौरान कर्नाटक विधानसभा ( Karnataka Assembly) ने धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण विधेयक 2021 (Anti Conversion Bill) पारित कर दिया है। विवादास्पद धर्मांतरण रोधी विधेयक को गुरुवार को सदन से मंजूरी दे दी गई। बता दें कि कर्नाटक सरकार की ओर से 21 दिसम्बर को बिल सदन में पेश किया गया था। इससे पहले मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्तावित धर्मांतरण रोधी विधेयक को मंजूरी दी गई थी। जिसे अब सदन से भी पास करा लिया गया है।
Anti Conversion Bill: प्रस्तावित विधेयक पर विपक्ष का विरोध

प्रस्तावित विधेयक का विपक्षी दल के नेता विरोध कर रहे थे। गौरतलब है कि प्रस्तावित विधेयक में दंडनीय प्रावधान किये गये हैं और इस बात पर जोर दिया गया है कि जो लोग अन्य धर्म अपनाना चाहेंगे, उन्हें दो महीने पहले उपायुक्त के पास एक आवेदन देना होगा।

Anti Conversion Bill में जुर्माने का है प्रावधान
असंवैधानिक रूप से यदि धर्मांतरण करवाया जाता है तो 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन से पांच साल तक की कैद का भी प्रस्ताव है। विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि धर्मांतरण कराने के आरोपी को पीड़ित को पांच लाख रुपये तक मुआवजा देना होगा। सामूहिक धर्मांतरण के मामले में तीन से 10 साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

बता दें कि कर्नाटक सरकार का Anti Conversion Bill राज्य के हिन्दुओं को धर्मांतरण से बचाने के लिए लाया गया है। हालांकि, व्यक्ति जिस किसी धर्म को अपनाएगा उसे उस धर्म में मिलने वाले फायदे मिलेंगे। कर्नाटक धर्म स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण विधेयक,2021 जबरन, धोखे से, अनुचित प्रभाव, प्रलोभन या विवाह आदि से धर्मांतरण को रोकता है।
बताते चलें कि इससे पहले कर्नाटक के गृह मंत्री अरग ज्ञानेंद्र ने कहा था कि जो लोग धर्मांतरण करना चाहेंगे, वे अपना मूल धर्म और उससे जुड़ी सुविधाओं एवं लाभों को गंवा देंगे।
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