पुलिस की गिरफ्त में आए इन युवकों पर मेधा के कत्ल के आरोप हैं…ये सभी पैसों के बल पर मेधावी छात्रों के अरमान कुचलने आए थे…लेकिन, चढ़ गए एसटीएफ के हत्थे…एक और पेपर लीक कांड हुआ है…जी हां……सीबीएसई की 10वीं की मैथ और 12वीं इकॉनमिक्स के पर्चे लीक होने पर देशभर में बवाल मचा है…विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमले कर रहे हैं…वहीं अब बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में एक बार फिर परीक्षा के पेपर लीक होने का मामला सामने आने से हड़कंप मचा है…
अबकी मामला फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की परीक्षा से जुड़ा है…मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने ग्वालियर से दो लोगों को गिरफ्तार किया है…साथ ही 48 परीक्षार्थियों को भी हिरासत में लिया गया है…एसटीएफ चीफ सुनील शिवहरे के मुताबिक, इन सभी को होटलों में ठहराया गया था…एसटीएफ ने होटलों से लीक पेपर और आंसर शीट्स भी जब्त किए हैं…बताया जा रहा है कि हर परीक्षार्थी से पेपर उपलब्ध कराने के नाम पर 5-5 लाख रुपये लिए गए थे…आरोपी अभ्यर्थियों से होटेल पर मिले और उन्हें प्रश्नपत्र दिए। बाद में इन प्रश्नपत्र में आग लगा दी गई…
मध्य प्रदेश में एफसीआई में 217 पदों के लिए रविवार को 132 केंद्रों पर परीक्षा होनी थी…इसके लिए करीब एक लाख परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था…बताया जा रहा है कि परीक्षा से एक दिन पहले ही पेपर लीक हो गया…एसटीएफ की टीम ने ग्वालियर के होटल में सुबह 9.30 बजे छापा मार कर दो दलाल और 48 परीक्षार्थियों को पकड़ा…
परीक्षा में शामिल होने वाले 48 उम्मीदवार बिहार, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली से आए थे…इन्हें पास कराने के लिए लेकर आए दिल्ली के आशुतोष कुमार और हरीश कुमार ने गांधीनगर क्षेत्र पड़ाव के एक गेस्ट हाउस में ठहराया था…डाटा लीक, एसएससी स्कैम, सीबीएसई पेपर लीक को लेकर विपक्ष पहले ही मोदी सरकार को घेर रही है…वहीं मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) घोटाले को लेकर विपक्ष के निशाने पर रही शिवराज सरकार के लिए एफसीआई पेपर लीक कांड के बाद जवाब देना मुश्किल हो गया है…
-ब्यूरो रिपोर्ट एपीएन