आम आदमी पार्टी से निष्कासित मंत्री कपिल मिश्रा आज एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के दफ्तर पहुंचे। यहाँ उन्होंने टैंकर घोटाले की जांच से सम्बंधित फाइल अधिकारियों को सौंपी। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए मिश्रा ने कहा कि वह बहुत जल्द सीबीआई अधिकारियों से मिलेंगे। और उन्हें इस घोटाले से अवगत कराएँगे। आपको बता दें कि मंत्री पद से हटाये जाने के बाद से कपिल लगातार केजरीवाल और अन्य आप नेताओं पर हमलावर हैं। कपिल ने केजरीवाल पर सत्येन्द्र जैन से दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया है।
Met ACB officials and gave information on "Role of Arvind Kejriwal Ji and two of his close associates in Tanker Scam"
— Kapil Mishra (@KapilMishraAAP) May 8, 2017
Next will go to CBI to file a case on illegal cash deal.
— Kapil Mishra (@KapilMishraAAP) May 8, 2017
कपिल मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने एसीबी अधिकारियों से बताया कि टैंकर घोटाले की रिपोर्ट देने के बाद मुझसे कानून मंत्रालय ले लिया गया। मैं मामले में शिकायतकर्ता तो था लेकिन आज से गवाह भी बनकर रहूंगा। जो भी भ्रष्टाचार में शामिल हैं और जिन्होंने उन्हें बचाया है वो जेल जायेंगे। हालांकि मिश्रा ने दो करोड़ लेने सम्बन्धी अपने आरोपों के बारे में एसीबी को कोई जानकारी नहीं दी है। इससे पहले रविवार को उन्होंने आरोप लगाया था कि दो साल पहले ही टैंकर घोटाले की फाइल सरकार को दे दी थी लेकिन कोई कारवाई नहीं हुई। उन्होंने आशीष तलवार और वैभव पटेल पर भी इसमें शामिल होने का आरोप लगाया था।
कपिल मिश्रा के आरोपों के बीच दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने केजरीवाल के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। इससे पहले कल कपिल मिश्रा ने एलजी से मुलाकात की थी। उन्होंने मुलाकात के बाद कहा था कि एलजी को उन्होंने पूरे मामले से अवगत करा दिया है। साथ ही सबूत भी दिए हैं। उन्होंने एलजी से इस मामले में जांच कराए जाने की मांग की थी। कपिल के अलावा बीजेपी नेताओं का एक दल भी एलजी से मिलने पहुंचा था। उन्होंने भी जांच की मांग की थी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का दंभ भरने वाली आम आदमी पार्टी का यह अंदरूनी घमासान अब सड़कों पर है। कपिल के आरोपों का जवाब देने के लिए न तो केजरीवाल सामने आये हैं न ही मनीष सिसोदिया ने इन आरोपों पर कोई सफाई दी है। इतना तो तय है कि आन्दोलन से निकली पार्टी के अन्दर का यह आन्दोलन पार्टी और केजरीवाल की छवि के लिए सही नहीं है। पिछले कुछ समय से लगातार विवादों में घिरी रहने वाली पार्टी के आपसी कलह से दिल्ली में सरकार का कामकाज भी प्रभावित होता नजर आ रहा है। साथ ही आप नेताओं की ईमानदारी पर भी सवाल उठने लगे हैं।