चाय के बाद अब पकौड़ों पर देशभर में बहस छिड़ी है। दरअसल, पीएम मोदी के पकौड़े बेचने को रोजगार बताने वाले बयान के बाद पक्ष-विपक्ष हर तरफ से टिप्पणियों का दौर चलता आ रहा है। इस बार राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इसपर टिप्पणी की है। उनका कहना है कि पकौड़ा बनाना एक स्किल है जो कि एक बड़े बिजनेस की ओर पहला कदम हो सकता है।’ उनका कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के पकौड़ा वाले बयान को विपक्ष तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है, इसके साथ ही उन्होंने यह भी दलील दी कि कैसे एक शख्स जो हर रोज पकौड़ा बेच कर 200 रुपये कमाता है उसे उसका ‘रोजगार’ माना जाए। उऩ्होंने कहा कि पकौड़ा बेचकर व्यक्ति तीन साल में रेस्त्रां और पांच साल में होटल भी बना सकता है।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल गोंडवाना के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंची थी। वहीं पर उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि अगर कोई दुकानदार अच्छे पकोड़े नहीं बनाता है तो उसके पास ग्राहक नहीं आते हैं। लेकिन ऐसा न सोचिए कि यह एक अच्छा रोजगार नहीं है। अगर वह शख्स अच्छे पकोड़े बनाता है तो अगले तीन साल में वह अपना रेस्ट्रां खोल सकता है और अगले 4-5-6 सालों में उसका अपना होटल भी खोल सकता है। उन्होंने कहा कि सभी को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती। ऐसे में जरूरी है कि बेरोजगारों के कौशल विकास को प्रोत्साहन दिया जाए। अंबानी, अडानी का जिक्र कर कहा कि छोटे काम करके भी व्यवसाय के शिखर तक पहुंचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि आदिवासियों को रोजगार से जोड़ने के लिए सभी को प्रयास करना होगा। इसके अलावा राज्यपाल आनंदी बेन पटेल बसुरियाखुर्द में शहीद मेजर सुनील कहार की समाधि स्थल पहुंचीं और कलेक्टर को यहां पार्क बनाने के आदेश दिए।