बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अमित शाह ने आज (5 फरवरी) संसद में अपना पहला भाषण दिया। अपने पहले भाषण में जहां एक ओर शाह ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई वहीं दूसरी ओर विपक्ष पर जमकर हमला किया।

अमित शाह ने अपनी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हमें विरासत में गढ्ढे मिले थे, सरकार का बहुत सारा समय गढ्ढे भरने में ही गया है। उन्होंने कहा कि 2013 में देश की जो स्थिति थी, उसे याद करने की जरूरत है। देश में विकास की गति काफी गिरी हुई थी। उन्होंने कहा कि महिलाएं देश में सुरक्षित नहीं थीं। सीमा की रक्षा करने वाले जवान सरकार के अनिर्णय के कारण कुछ कर नहीं पा रहे थे।

अमित शाह ने इस दौरान बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी से अच्छा है कि कोई युवा पकौड़ा बेच रहा है, पकौड़ा बेचना शर्म की बात नहीं है इसकी भिखारी के साथ तुलना ना करें।

बेरोजगारी से पकौड़ा बेचना बेहतर है आज चायवाले का बेटा देश की पीएम बन गया है। मैं मानता हूं कि परिश्रम से अपना जीवन यापन करने वाला हर इसांन उतना ही बड़ा है जितना सदन मे बैठे हम लोग।

शाह ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दुनिया में भारत को देखने का नजरिया बदला है। सुरक्षा बलों को आंतरिक सुरक्षा के लिए आधुनिक बनाना हमारी प्राथमिकता है।

वहीं वन रैंक वन पेंशन पर बोलते हुए शाह ने कहा कि हमारी सरकार ने एक ही साल में वन रैंक वन पेंशन पर काम करते हुए फौजियों को पेंशन दी है। इसी के साथ शाह ने जीएसटी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कंमेट को लेकर कहा कि क्या कानून के अंदर टैक्स वसूलना गलत है? वो इस गब्बर सिंह टैक्स कहते है। वो देश को कहां लेकर जाना चाहते है। हमारी मानसिकता यह नहीं है। यहां लोकतंत्र है।