Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक समारोह के दौरान कहा कि अहिंसक संघर्ष का भारत की स्वतंत्रता में बड़ा योगदान रहा है। हमें इस बात का सम्मान करना चाहिए और समझना चाहिए कि हमें स्वतंत्रता अनुदान में नहीं मिली है बल्कि यह लाखों लोगों की मेहनत बलिदान और रक्तपात के बाद मिली है। अमित शाह ने आगे कहा कि मैं आज स्थापित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा देखता हूं, तो मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है।
इतिहास लेखन और शिक्षा के माध्यम से जनता पर दृष्टिकोण थोपा गया- Amit Shah

गृह मंत्री ने कहा कि आज हम अंग्रेजों की गुलामी से आजाद है, अंग्रेजों ने भारत छोड़ दिया लेकिन इतिहास उनके चश्मे से लिखा गया। इतिहास लेखन और शिक्षा के माध्यम से जनता पर कोई एक दृष्टिकोण थोपा गया है। मैं ये नहीं कह रहा कि अंहिसक स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष की भूमिका नहीं है, या यह हमारे इतिहास का हिस्सा नहीं है। मैं बस इतना कह रहा हूं कि सशस्त्र क्रांति हो या अंहिसक आंदोलन, दोनों की नींव ही 1857 की क्रांति ही थी। इसलिए यह जरूरी है कि इतिहासकार और सरकार दोनों पर ही इस बात की जिम्मेदारी है कि वह सही ऐतिहासिक तथ्यों को आने वाली पीढ़ी के सामने रखे।
इतिहास को आज तक कई कारणों से तोड़ा मरोड़ा गया- अमित शाह
गृह मंत्री ने कहा कि लोगों में भ्रम है कि इतिहास को आज तक कई कारणों से तोड़ा मरोड़ा गया है। लेकिन अब कोई हमें इसे सही लिखने से रोक नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि 200 से अधिक वर्षों तक भारत पर शासन करने वाले मुगलों का दावा मैं नहीं मानता। हर बार हमने सुना है कि साम्राज्य पर पहले मुगलों का शासन था, उन्होंने 200 से अधिक वषों तक इस देश पर राज किया। लेकिन ऐसा नहीं है! क्योंकि मुगलों के सिवा भी ऐसे अन्य साम्राज्य रहे हैं।
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