Power Crisis: देश में बिजली संकट को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। इस बैठक में बिजली मंत्री आरके सिंह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी भी मौजूद हैं। गर्मी के बीच कई राज्यों से बिजली कटौती की खबर आ रही है। बता दें कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में गर्मी से पहले के महीनों के दौरान, देश की बिजली की मांग दशकों में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है। बिजली की मांग 13.2 फीसदी से बढ़कर 135.4 बिलियन किलोवाट घंटे (kWh) हो गई है।
Power Crisis: डिमांड और सप्लाई है संकट की वजह
गौरतलब है कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा कोयले का उत्पादन करने वाले देशों की सूची में दूसरे नंबर पर है। दुनिया का 5वां बड़ा कोयले का भंडार भी भारत में ही है, लेकिन उसके बावजूद भी देश में बिजली संकट आन पड़ी है। एक्सपर्ट के अनुसार संकट की वजह डिमांड और सप्लाई है।
वहीं पावर मिनिस्ट्री के मुताबिक, 29 अप्रैल को देश में बिजली की डिमांड ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। 28 अप्रैल तक देश में बिजली की डिमांड 2.07 लाख मेगावॉट… लेकिन इतनी डिमांड होने के बावजूद कोयले की सप्लाई नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि रेलवे ने 650 से ज्यादा पैसेंजर ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है, ताकि पावर प्लांट तक कोयला पहुंचाया जा सके।
Power Crisis: थर्मल पावर प्लांट में कम से कम 26 दिन का कोल स्टॉक जरूरी
बता दें कि देश में बिजली पैदा करने वाले थर्मल पावर प्लांट में कम से कम 26 दिन का कोल स्टॉक होना ही चाहिए, लेकिन देश के कई सारे प्लांट में अभी 10 दिन से भी कम समय का कोयला बचा है। भारत में इस समय हर दिन 4 लाख मेगावाट यानी 400 गीगावॉट बिजली पैदा करने की क्षमता है। इसमें 50 फीसदी से अधिक बिजली कोयले से पैदा होती है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक, देश में अबी 165 पावर प्लांट में से 100 में 25 फीसदी से भी कम कोयले का स्टॉक है।
Power Crisis: बिजली कटौती से कारोबारी परेशान
बताते चलें कि बिजली कटौती से न सिर्फ जनता बल्कि कारोबारी भी परेशान होने लगे हैं। गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन का कहना है कि बिजली कटौती से बहुत नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं एसोसिएशन ने विशेष पावर सप्लाई की मांग की है।
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