कानून व्यवस्था में किसी भी दोषी को गंभीर अपराध करने की स्थिति में सजा-ए-मौत देने का वर्णन किया गया है। कोई ऐसा अपराध जो माफ़ करने योग्य न हो उस स्थिति में मौत की सजा सुनाई जाती है। लेकिन अंबेडकरनगर से मौत की सजा देने का एक अलग ही मामला सामने आ रहा है जहां चार घोड़ों को सजा-ए-मौत का फरमान सुनाया गया है। यह फरमान सुनने में आश्चर्यजनक जरुर है लेकिन इसके पीछे की वजह आपको हैरान कर देगी। दरअसल घोड़ों, गधों और खच्चरों में संक्रामक रोग ग्लैंडर्स फार्सी बहुत ही तेजी से फ़ैल रहा है। लेकिन इस गंभीर बीमारी का अभी तक कोई टीका व इलाज नहीं खोजा जा सका है। सबसे खराब स्थिति यह है कि यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों में बहुत तेजी से फैलती है। जिसके चलते अब जिन चार घोड़ों में इस वायरस के लक्षण पाए गए हैं, उन्हें मारने का आदेश दे दिया गया है। इसकी तैयारी जिला प्रशासन व पशुपालन विभाग ने पूरी कर ली है। सब कुछ ठीक रहा तो सोमवार को घोड़ों को मारकर जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफन कर दिया जाएगा।

इस संबंध में उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. संजय कुमार शर्मा ने बताया, कि चारों घोड़ों को मारने की कागजी कार्रवाई पूर्ण कर ली गई है। साथ ही जिलाधिकारी के अलावा विभागीय अधिकारियों से अनुमति मिल गई है। जल्द ही घोड़ों को मारकर गड्ढे में दफना दिया जाएगा।

लक्षण:

उन्होंने बताया कि यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों में फैल सकती है जो सबसे घातक होती है। इस बीमारी के लक्षण पशुओं के त्वचा में फोड़े व घुमडिय़ां निकलना, नाक के अंदर से फटे हुए छाले दिखना, तेज बुखार, नाक से पीला कनार स्राव आना व सांस लेने में तकलीफ आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि इस रोग का अब तक इलाज नहीं है। इसलिए लक्षण दिखते ही पशुपालन विभाग में संपर्क करना होगा।

उपाय:

उन्होंने बताया, कि ऐसे जानवरो को ताजा खाना खिलाए, शुद्ध पानी पिलाएं, आसपास साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखें और गर्मी में रोज नहलाएं। संजय कुमार ने बताया कि ऐसे जानवरों को जहां रखा गया हैं वहां दवाओं का नियमित छिड़काव किया जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। साथ ही बच्चों को इनके नजदीक न जानें दें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here