Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस केस में दंगा भड़काने और देश द्रोह के आरोपी पीएफआई सदस्य अतीकुर्रहमान के केसों की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की। इस पर याची अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए समय मांगा है। याची अधिवक्ता ने कहा कि यह विधि प्रश्न पहली बार उठाया गया है। कोर्ट ने याची को समय देते हुए 11 मार्च को सुनवाई की तारीख तय की है।
Allahabad High Court: न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र की खंडपीठ ने दिया आदेश
बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने अतीकुर्हमान की याचिका पर दिया है। याची ने जमानत अर्जी व बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सहित अन्य याचिकाएं दायर की है। इन सभी मामलों की एक साथ सुनवाई हो रही है। मामले में याची को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने रिमांड मंजूर किया था। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दिया है। कोर्ट ने चार्जशीट को संज्ञान में लेते हुए वारंट जारी किया है।
कोर्ट के क्षेत्राधिकार पर सवाल उठाए गए किन्तु आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण अर्जी नहीं दाखिल की गई।

मथुरा से किया गया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि हाथरस जाते समय याची सहित उसके साथियों को मथुरा के मांट टोल पर पुलिस ने पकड़ा था। फिलहाल वो मथुरा जेल में बंद हैं। इनपर दिसंबर 19में मुजफ्फरनगर में दंगा भड़काने का आरोप है। आरोपी अतीकुर्रहमान के साथ में रामपुर के आलम,केरल के सिद्दीक, बहराइच के मसूद, को भी गिरफ्तार किया गया है। ये सभी पीएफआई सदस्य हैं और हाथरस की घटना को लेकर दंगा भड़काने की कोशिश करते हुए पकड़े गए हैं।
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