Allahabad High Court ने उत्तर प्रदेश 2018 पुलिस भर्ती में चयनित CISF कॉन्स्टेबल की याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 हफ्ते में मेडिकल टेस्ट करने का निर्देश दिया है। याची को 9 सितंबर 2020 को मेडिकल जांच के लिए बुलाया गया था। एक दिन पहले उसके भाई को फोन पर सूचना दी गई। कोविड 19 संक्रमण के चलते यातायात साधन की कमी व दूर होने के कारण याची उपस्थित नहीं हो सका था। जिस पर उसने हाईकोर्ट की शरण ली।
नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश
कोर्ट ने मेडिकल जांच रिपोर्ट के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी ने कानपुर नगर के अश्वनी सविता की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता एम ए सिद्दीकी ने बहस की।
इनका कहना था कि याची पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में हर स्तर पर सफल रहा। 8 सितंबर 2020 को सूचना दी गई कि 9 सितंबर को मेडिकल जांच के लिए पेश हो। सुरक्षा बल में सुदूर तैनाती व साधन व समय की कमी के कारण मेडिकल जांच में नहीं पहुंच सका। इसलिए उसे एक मौका दिया जाए।
कोर्ट ने कहा कि याची सुरक्षा बल में कॉन्स्टेबल है और वह पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती में चयनित किया गया है। यह अलग ढंग का मामला है। इसलिए अधिक मानवीय आधार पर विचार किया जाए।
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