Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश में कहा है कि कोर्ट किसी भी स्मारक को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश नहीं दे सकती है।ये आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने आगरा के मो. मोईन कुरैशी की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है।
याची कुरैशी ने राज्य सरकार को खान-ए-दौरान की हवेली, मौजा बसई मुस्तकिल (ताजगंज) आगरा को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने का निर्देश देने की मांग की थी।

Allahabad HC: सक्षम प्राधिकारी के पास हैं अधिकार

Allahabad HC: याचिका में कहा गया था कि 23 अप्रैल 2015 को एक अधिसूचना प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 की धारा 4(1) के तहत जारी गई थी।
उसके बाद उस पर दो महीने तक आपत्तियां मांगी गई थीं। याची की ओर से कहा गया कि उसके बाद राज्य सरकार की ओर से इस बारे में कोई अंतिम अधिसूचना जारी नहीं की गई।इसलिए याचिकाकर्ता ने कहा कि अंतिम अधिसूचना तुरंत जारी की जानी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि किसी भी स्मारक को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने वाली अधिसूचना जारी करने के लिए सरकार को निर्देश जारी नहीं किया जा सकता। क्योंकि, प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 के तहत सक्षम प्राधिकारी को यह अधिकार दिया गया है।
संबंधित खबरें
- Allahabad HC: MGNREGA तकनीकी सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर्स के निर्धारित वेतन बढ़ाने पर विचार करने के लिए समिति बनाए सरकार, Court ने दिया निर्देश
- Allahabad HC: मुकद्दमों की लिस्टिंग में मनमानी की जांच का Court ने दिया निर्देश, 15 दिन में जांच रिपोर्ट तलब