पर्यटन एवं परिवहन मंत्रालय से जुडी संसद की स्थायी समिति ने किराये को लेकर निजी विमान सेवाओं की मनमानी पर चिंता व्यक्त करते हुए इस पर अंकुश लगाने की सरकार से सिफारिश की है। समिति ने इंडिगो विमान सेवा को सबसे ख़राब निजी विमान कम्पनी बताया है और कहा है कि वह यात्रियों की शिकायतों का निपटारा भी नहीं करती। समिति के अध्यक्ष एवं तृणमूल के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि समिति के सभी सदस्यों ने निजी विमान कंपनियों द्वारा यात्रियों का शोषण किये जाने और शिकायतों पर पर्याप्त ध्यान न दिए जाने की आलोचना की है।

ओब्रायन ने कहा कि इस सन्दर्भ में इंडिगो कंपनी का सबसे ख़राब प्रदर्शन है और वह यात्रियों की शिकयतों पर बिल्कुल ध्यान नहीं देती। उन्होंने कहा,“ जम्मू कश्मीर से मरीजों को अचानक जब विमान यात्रा करनी होती है तो  30-40 हज़ार रुपए तक किराया लिया जाता है। गर्मियों के मौसम में भी मनमानी और मोटा किराया लिया जाता है। हमने सरकार से अनुरोध किया है कि इस पर अंकुश लगनी  चाहिए क्योंकि निजी कंपनियां  कई  बार तो  आठ-दस गुना किराया बढ़ा देती हैं।” उन्होंने कहा कि एयर इंडिया की सेवा में अब काफी सुधर हुआ है।

समिति के अध्यक्ष ने  कहा कि यात्रियों के सामान का वज़न एक दो किलो बढ़ जाने पर भी निजी  एयरलाइन्स विशेषकर इंडिगो  मनमाना किराया वसूलती है। उन्होंने कहा कि वह  निजी एयरलाइन्स के विरोधी नही हैं लेकिन यात्रियों के अधिकारों और हितों की  रक्षा को अहम मानते हैं। निजी एयरलाइन्स को कुछ संकट या  समस्याएं हो सकती हैं पर किराये के मामले में  उन्हें यात्रियों का ऐसा शोषण नहीं करना चाहिए।

उन्होंने  कहा कि समिति ने इन निजी विमान कंपनियों से कहा है कि वे कॉपोरेट सामाजिक  दायित्व के तहत मरीजों का किराया कम करें और कुछ सीटें उनके लिए आरक्षित भी करें ताकि उनको जब इलज़ा के लिए जाना पड़े तो उन्हें सीट सस्ते दाम पर उपलब्ध हो।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here