Ahmedabad Blast Case: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने 2008 के अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट ( Ahmedabad Serial Blast ) केस के फैसले पर कहा कि हम हाईकोर्ट जाएंगे। हमें उम्मीद है कि उनकी सजा को शायद उच्च न्यायालय द्वारा ही कम कठोर किया जाएगा, लेकिन अगर हमें सफलता नहीं मिली, तो हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। बता दें कि शुक्रवार को अहमदाबाद बम धमाका मामले में गुजरात के विशेष अदालत ने 49 दोषियों में से 38 को फांसी और 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिसके बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी का ये बयान आया है।

Ahmedabad Blast Case: मदनी ने कोर्ट के फैसले पर जाहिर की नाराजगी
मदनी ने कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि देश के नामी वकील, अहमदाबाद ब्लास्ट मामले में दोषियों को फांसी से बचाने के लिए क़ानूनी लडाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हमें यकीन है कि दोषी ठहराए गए सभी लोगों को हाईकोर्ट से न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि पहले भी कई मामलों में निचली अदालतों से सजा पाए दोषी हाईकोर्ट या SC से बाइज्जत बरी हो चुके हैं।
मौलाना अरशद मदनी ने अक्षरधाम मंदिर हमले की अदाहरण देते हुए कहा कि अक्षरधाम मंदिर में हमले के बाद निचली अदालत ने मुफ्ती अब्दुल कय्यूम सहित 3 को फांसी और 4 को उम्र क़ैद की सजा दी गई थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी लोगों को बरी किया था।

Ahmedabad Blast Case: बमबारी में 56 लोगों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि 2008 के अहमदाबाद सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में 49 दोषियों के खिलाफ शुक्रवार को विशेष अदालत ने सजा सुनाई। अदालत ने मामले में 49 दोषियों में से 38 को फांसी और शेष 11 को आजीवन कारावास की सजा दी है।बता दें कि विशेष अदालत ने पिछले हफ्ते 49 लोगों को दोषी ठहराया था और 28 अन्य को बरी कर दिया था, इस भयंकर विस्फोट में 56 लोग मारे गए थे।
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