देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में महिलाओं ने सत्ताधारी दल के एक विधायक को वो सीख दी जिसके लिये वो लंबे समय से गुस्से में थीं। कहने को केंद्र और उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार है। इसे डबल इंजन की सरकार भी कहते हैं। लेकिन, आए दिन यहां की जनता कभी सीएम कभी उच्च शिक्षा मंत्री और बीजेपी विधायक को अपने गुस्से का निशाना बना रही है। ताज़ा मामला राजपुर विधानसभा क्षेत्र का है, जहां स्थानीय बीजेपी विधायक खजान दास पर शुक्रवार को जनता ने जमकर अपने दिल का गुबार निकाला।
अपनी ही विधानसभा क्षेत्र राजपुर में बीजेपी एमएलए
राजपुरा क्षेत्र की महिलाओं ने रौद्र रूप धारण कर तथाकथित विकास कार्यों को कराने के लिये श्रेय लेने वाले बोर्ड भी उखाड़ कर दूर फेंक दिया। उन पर पत्थर और ईंटें फेंकी। ये हंगामा तब हुआ जब शुक्रवार को अपने ही राजपुर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के विधायक खजान दास जी बारिश के बाद हुए नुकसान का जायजा लेने और क्षेत्र की जनता का दुख बांटने के लिए दौरे पर निकले थे। उन्होंने सोचा था कि जनता उनका स्वागत करेगी। वैसे ऐसा हुआ लेकिन उलटे तरीके से। बीजेपी के विधायक खजान दास को इस दौरान स्थानीय निवासियों के गुस्से के आसमान का सामना करना पड़ा।
आफत में नहीं ली सुध तो जनता ने फेंके पत्थर
दरअसल कई दिनों से आसमान से आई आफत की बारिश से इलाके का बुरा हाल है। इससे जनता का पारा चढ़ गया था। स्थानीय महिलाओं ने ऐसी हालत में इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि महिलाएं विधायक से कह रही हैं कि वो सिर्फ वोट मांगने के दौरान यहां नजर आते हैं लेकिन उसके बाद वो दिखाई ही नहीं देते। खैर जैसे तैसे विधायक जी वहां से खिसके। लेकिन विधायक के जाने के बाद महिलाओं ने पत्थर और कीचड़ भी सड़क पर फेंका और विधायक के विकास कार्यों को मोटे-मोटे अक्षरों में बताने वाले बोर्ड को उखाड़कर जमीन पर फेंकने के बाद उसे कीचड़ से पोत दिया। इस दौरान वहां मौजूद विधायक और पुलिसकर्मी महिलाओं को लगातार शांत करने की कोशिश करते दिखे लेकिन दुर्गा टाइप दिखने की कोशिश में महिलाएं आग-बूबला ही होती रहीं। वहीं राजपुर विधायक खजानदास जनता के इस गुस्से के पीछे सियासी साजिश बता रहे हैं।
‘विधायक जी काम नहीं करते वोट मांगने आते हैं‘
लोगों का गुस्सा ऐसे ही नहीं है। दरअसल, बुधवार और गुरुवार को देहरादून में आसमानी आफत ने शहर के कई इलाकों में नुकसान पहुंचाया है। बिजली गिरने और बारिश के कारण जिले में 8 लोगों की मौत भी हुई थी। राजपुर विधानसभा क्षेत्र में रिस्पना नदी के आसपास बने मकानों को भी नुकसान पहुंचा था। कॉलोनियों में कई जगहों पर जलभराव की समस्या भी देखने को मिली थी। ऐसी मुश्किल स्थिति में सरकार और प्रशासन के खिलाफ जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर होना स्वाभाविक था। ये अलग बात है कि, समय रहते बीजेपी विधायक खजान दास इसे भांप नहीं सके और राहत कार्यों की कड़ी म़निटरिंग की बजाय लोगों का हालचाल लेने क्षेत्र के दौरे पर निकल पड़े।
खजानदास को खूब सुनाई खरी-खोटी
लोगों की शिकायत है कि, उन्होंवने इसे लेकर प्रशासन से गुहार भी लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं बीजेपी विधायक खजान दाल के प्रतिनिधि भी उनकी नहीं सुनती। ऐसे में जनता ने ही विधायक जी को जमकर खरी-खोटी सुना दी। इससे पहले सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी धूमाकोट सड़क हादसे के बाद स्थानीय जनाता के गुस्से का सामना करना पड़ा था। वहीं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत को भी जनता ने उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया था। धन सिंह रावत अपने क्षेत्र में सड़क का शिलान्यास करने गए थे।