बुधवार को संसद का आखिरी बजट सत्र कई अहम बातों के साथ समाप्त हुआ। इस दौरान रामायण सर्किट का भी मामला सामने आया। इस मुद्दे पर संस्कृति मंत्री महेश शर्मा सीता की जन्मभूमि से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए विवादों में घिर गए उन्होंने कहा था कि – ”सरकार के प्रोजेक्ट में शामिल सीता का जन्म स्थान आस्था का प्रतीक है। इसे रामायण सर्किट में शामिल किया गया है। इस पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। वाल्मीकि जी ने रामायण में भी इसका जिक्र किया है।”

फिर क्या था महेश शर्मा के इस बयान के बाद विपक्षी सदस्यों ने उनको घेर लिया और इसका विरोध करने लगे। विपक्ष ने उनके ऊपर तब निशाना साधा जब वह प्रश्नकाल के समय सीता की जन्मभूमी से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे। इसी दौरान कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि ”क्या सरकार के पास राम-सीता के स्वयंवर का कोई सबूत है?” उन्होंने कहा कि मंत्री को इस जवाब के लिए माफी मांगनी चाहिए। 

बता दें कि प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी नेता प्रभात झा ने केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा से सीतामढ़ी इलाके में सर्किट को लेकर जानकारी मांगी थी। जिसके बाद यह बवाल खड़ा हो गया। इस दौरान दूसरी पार्टियों के सदस्यों में सपा सांसद जया बच्चन, जेडीयू के अनिल कुमार साहनी और कांग्रेस की अंबिका सोनी ने भी दिग्विजय का सपोर्ट किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद थे। बता दें कि रामायण सर्किट केंद्र सरकार का एक प्रोजेक्ट है जिसमें भगवान राम से जुड़ी जगहों को जोड़ा जा रहा है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया  के अनुसार सीतीमढ़ी में कोई खुदाई नहीं हुई है और सीता की जन्म भूमी का वहां पर कोई प्रमाण भी नहीं है।

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