आजकल राजनीतिक पार्टियां चुनाव हारने के बाद खुद की नीतियों, असफलताओं को दोष देने के बजाए ईवीएम पर हार की ठीकरा फोड़ देती हैं। इसी को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने गुस्सा जाहिर किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले राजनीतिक दलों को लेकर कड़ी टिप्पणी की हैं। उन्होंने तमाम आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘निश्चित रूप से इस व्यवस्था में शक करने की बिल्कुल गुंजाइश नहीं है।’ शनिवार को रावत ने राजनीतिक दलों पर बरसते हुए कहा कि ईवीएम को ‘बलि का बकरा’ बनाया जा रहा है क्योंकि वह बोल नहीं सकती।
चुनावों में बैलट पेपर के इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने की किसी भी संभावना को खारिज करते हुए रावत ने कहा, ‘हार को हजम न कर पाने वाले राजनीतिक दलों को ठीकरा फोड़ने की जरूरत होती है।’ बता दें कि कई राजनीतिक दल देश में फिर से बैलेट पेपर के जरिये चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. वहीं इस सवाल पर रावत ने कहा ‘बैलेट पेपर की ओर फिर वापस लौटने का सवाल ही नहीं उठता है। आने वाले चुनाव वीवीपेट वाली ईवीएम से ही होंगे।’
मुख्य चुनाव आयुक्त ने इसके साथ ही कहा चुनावों में धन और ताकत के प्रयोग को समाप्त करने के लिए व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव की व्यवस्था में पारदर्शिता और विश्वसनीयता के लिए वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) की व्यवलस्था शुरू की है। रावत ने कहा कि कुछ घंटों के भीतर ही चुनाव आयोग नतीजों का ऐलान कर देता है, लेकिन इससे लोगों को पता चल सकेगा कि उनका वोट किसको गया है और इससे प्रक्रिया में भरोसा बढ़ेगा।