कहते हैं मां का दर्द देखकर हर किसी का दिल पसीज जाता है और मां की आवाज सुनकर उसकी औलाद जहां भी हो, उसके पास आ ही जाती है। फुटबॉल से आतंकी बने दक्षिण जम्मू-कश्मीर के माजिद खान का भी दिल उस वक्त पसीज गया जब उसने अपनी मां को उसके वापिस आने की गुहार लगाते सुना। माजिद ने अपनी मां की पुकार सुन अपने हाथों में थामी बंदूक को छोड़ दिया और घर वापिस लौट आया।

माजिद ने आतंकवाद को छोड़ कश्मीर के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। आपको बता दें कि माजिद की मां ने मीडिया में उससे वापिस लौट आने की अपील की थी जिसे देखकर माजिद का दिल पसीज गया। और उसने अपने आप को अधिकारियों के हवाले कर दिया।

खबरें आ रही थी कि माजिद लश्कर-ए तैयाब आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था, और उसने अपनी एक फोटो फेसबुक पर AK-47 के साथ पोस्ट की थी। जिसे देख माजिद के परिवार वाले और उसके दोस्त बेहद परेशान हो गये थे यहां तक कि माजिद के पिता को इस खबर से हार्ट अटैक आ गया था। जिसके बाद माजिद की मां ने एक वीडियो में उससे घर वापिस आने की अपील की थी। जो आखिरकार रंग लाई।

बताया जा रहा था कि माजिद अपने दोस्त यावर निसार शेरगुजरी के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के बाद आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था। शेरगुजरी आतंकवादी था और वह अनंतनाग में अगस्त महीने में सुरक्षाबलों द्वारा मुठभेड़ में मारा गया था।

माजिद ने आतंकवादी संगठन में शामिल होने का अपना इरादा 29 अक्तूबर के एक फेसबुक पोस्ट में जाहिर किया था। उसने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि जब शौक ए शहादत हो दिल में, तो सूली से घबराना क्या। सोशल मीडिया पर चल रहे एक वीडियो में खिलाड़ी की मां उसके वापसी की गुहार लगा रही थी। वीडियो में उसकी मां को कहते हुए सुना जा सकता है कि लौट आओ और हमारी जान ले लो, उसके बाद चले जाना। तुम मुझे किसके लिए छोड़ गए? इस वीडियो को देखने के बाद हर कोई यह कहा रहा था कि क्या आतंकी का दिल मां की पुकार सुनकर पसीजेगा। और देखिये मां की पुकार सुनकर लौट आया माजिद।

आपको बता दें कि माजिद 20 साल का है और जिले स्तर का फुटबॉलर था और सबसे बेहतरीन गोलकीपर था। माजिद बी.कॉम का छात्र है।

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