समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। दोनो की मुलाकात सीएम आवास 5 कालिदास मार्ग में हुई। दोनों के बीच क्या बात हुई यह तो साफ नहीं हुआ लेकिन इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। साथ ही इस मुलाकात को लेकर भाजपा और सपा दोनों ही दलों के नेताओं की निगाहें टिकी हुई है।
राजनीतिक विशेषज्ञ मुलाकात के कई मायने निकाल रहे हैं। क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले सपा के अंदर चल रहा विवाद खुल कर सामने आया और रिश्ते अब भी सामान्य नहीं हुए हैं।
इससे पहले सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। कुछ दिन पहले सीएम योगी, अपर्णा यादव की ओर से चलाए जा रहे कान्हा उपवन भी गए थे। इस मुलाकात के भी कई सियासी मायने निकाले गए थे।
विधानसभा चुनाव से पहले सपा में मचा घमासान चुनाव में मिली हार के बाद भी खत्म नहीं हुआ है। हाल ही में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि “जो बेटा बाप का नहीं हुआ वह जनता का कैसे होगा।” उन्होंने कहा था कि “आज तक पार्टी में उनका इतना अपमान कभी नहीं हुआ।” उन्होंने यह भी कहा था कि समाजवादी पार्टी की इतनी बड़ी हार कभी नहीं हुई थी।
मुलायम के बयान के बाद शिवपाल ने भी अखिलेश पर हमला करते हुए कहा था कि जिसे बिना मेहनत किए कुर्सी मिल जाती है, वे जिम्मेदारी नहीं निभा पाते। उन्होंने कहा था कि जो बच्चे माता-पिता का सम्मान नहीं करते, वो बच्चे तरक्की नहीं कर सकते हैं। मैं नेताजी के साथ हूं। इसके बाद अखिलेश और इन नेताओं की बीच की तल्खी सबके सामने आ गई थी।
शिवपाल यादव ने मंगलवार को यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से मुलाकात की थी। इसके बाद आज उनकी मुलाकात सीएम योगी के साथ हुई। दोनों के बीच हुई मुलाकात को शिष्टाचार बैठक बताया जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि शिवपाल यादव योगी आदित्यनाथ के साथ मिलकर अखिलेश यादव पर दबाव बनाना चाहते हैं, ताकि पार्टी में केवल अखिलेश का ही राज न हो जाए।
जानकारी के मुताबिक, विधानसभा में नेता विपक्ष को लेकर भी शिवपाल नाराज हैं। अखिलेश यादव ने विधानसभा में राम गोविंद चौधरी को विपक्ष का नेता बनाया है। जबकि शिवपाल यादव और मुलायम सिंह यादव आजम खान को विपक्ष का नेता बनाना चाहते थे।