आप पार्टी का कुनबा धीरे धीरे घटता जा रहा है, पार्टी के नेता एक- एक करके बगावत पर उतर आए हैं। बागी होने का ताजा मामला अब आप पार्टी के जनकपुरी विधायक राजेश ऋषि का है जिनकी बगावत का डंका सोशल मीडिया पर बजता दिखाई दिया।
गौरतलब है कि राजेश ऋषि ने इशारों ही इशारों में पार्टी के राजा अरविंद केजरीवाल पर वार किया और संदेश देते हुए ट्वीट किया कि जिस राजा में घमंड होता है, वह राजा अपने राज्य को खुद ही डुबो देता है। विधायक ने पार्टी के बड़े नेता डॉ कुमार विश्वास को टैग करते हुए यह ट्वीट किया। इतना ही नहीं उन्होंने एक के बाद एक अनेक ट्वीट किए और अप्रत्यक्ष रुप से पार्टी पर बातों से जमकर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि जैसे कड़वी दवा कैंसर ठीक करती है, वैसे ही कड़वी सलाह-चाटुकारों से घिरा राजा, अपना अस्तित्व भी नहीं बचा पाता।
राजेश ने यह भी लिखा कि मझधार में नैया डोले तो मांझी पार लगाये, माझी जो नैया डुबोये उसे कौन बचाए। इस ट्वीट में राजेश ऋषि ने सीधा ही केजरीवाल पर तंज कसते हुए उनको टैग किया है। जिससे पूरे तरीके से साफ हो गया है कि विधायक पार्टी के विद्रोही बन चुके हैं।
@DrKumarVishwas @ArvindKejriwal
मझधार में नैया डोले तो मांझी पार लगाये
मांझी जो नाव डुबोये उसे कौन बचाए ?— Rajesh Rishi (@aaprajeshrishi) March 29, 2017
@RoflRavish आज जिन पार्टी के नेताओ को चाटुकार पसंद है वह सावधान
यही चाटुकारों ने कांग्रेस को डुबोया अब ओर पार्टियों की बारी है ।— Rajesh Rishi (@aaprajeshrishi) March 28, 2017
क्यूं बागी बने राजेश ऋषि-
दरअसल राजेश ऋषि अपनी विधानसभा के वार्डों में टिकट के बंटबारे से नाराज हैं। कुछ उम्मीदवार प्रचार के दौरान विधायक को पूरी तरह नजरअंदाज कर रहे हैं। जो बात राजेश ऋषि को अखर रही है। सूत्रों के मुताबिक राजेश ऋषि जल्द ही अरविंद केजरीवाल से मिलने की मौहलत मांग सकते हैं। मगर एमसीडी चुनावों से पहले विधायकों के इस तरह के तीखे तेवर निश्चित रुप से केजरीवाल के लिए एक चुनौती बन सकते हैं। आपको बता दें कि राजेश ऋषि से पहले बवाना से विधायक वेद प्रकाश ने भी पार्टी का दामन छोड़कर बीजेपी का हाथ थाम लिया था और साथ ही उन्होंने यह बात तक कह डाली थी कि ‘मैं पार्टी में घुटन महसुस कर रहा था और मेरे अलावा 35 विधायक ऐसे हैं जो केजरीवाल की लीडरशीप से नाखुश हैं।‘ बागियों की लिस्ट लंबी हो चुकी हैं जिनमें देविंदर सेहरावत, पंकज पुष्कर और पूर्व मंत्री संदीप कुमार शामिल हैं। अब यह बात अगर सच हो जाती है और एक साथ इतने विधायक पार्टी छोड़ देते हैं तो आप पार्टी का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। चुनावों के लिए आप पार्टी 272 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है और साथ ही प्रचार भी शुरु हो चुका है।