उत्तरप्रदेश में फतवों की नगरी के नाम से मशहूर सहारनपुर के देवबंद में एक और महिला तीन तलाक का शिकार हुई है। यह मामला सहारनपुर के नानौता क़स्बे का है। यहाँ एक गर्भवती महिला शगुफ्ता को बेटा ना होने से नाराज पति ने तीन तलाक बोलकर घर से निकाल दिया। इस मामले में पीड़िता का आरोप है कि उसका पति गर्भपात कराना चाहता था जिसके लिए शगुफ्ता ने मना कर दिया था। महिला के मना करने के बाद उसके पति ने अपने परिजनों के सामने उसके साथ मारपीट कर न सिर्फ तलाक दे दिया बल्कि घर से भी निकाल दिया। शगुफ्ता ने मायके जाकर इसकी शिकायत नानौता पुलिस से की लेकिन यहाँ से भी उसे निराशा हाथ लगी। इसके बावजूद पीडिता ने अपनी लड़ाई जारी रखते हुए सीएम योगी और पीएम मोदी को पत्र लिखकर इंसाफ की गुहार लगाई है।पत्र में उसने प्रधानमंत्री से तीन तलाक ख़त्म करने के साथ इंसाफ दिलाने की बात कही है।
नानौता के मोहल्ला कानून गोयान की रहने वाली शगुफ्ता ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजी अपनी चिट्ठी में लिखा है कि उसका निकाह पांच साल पहले थाना गंगोह इलाके के बुढ़ाखेड़ा निवासी शमशाद के साथ हुआ था। निकाह के बाद शगुफ्ता ने दो बेटियों को जन्म दिया जबकि उसके ससुराल वाले बेटा चाहते हैं। शगुफ्ता तीसरी बार गर्भवती है और ससुराल के लोगों को यह आशंका है कि कहीं इस बार भी बेटी ना हो जाए। जिसके चलते ससुराल वाले शगुफ्ता का गर्भपात कराना चाहते थे। शगुफ्ता ने ससुराल वालों की बात के खिलाफ जाकर गर्भपात कराने से मना कर दिया। शगुफ्ता के इस विरोध से उसके पति इस कदर नाराज हुए की उन्होंने जबरन रिश्तेदारों की मदद से उसका गर्भपात कराना चाहा हालांकि इसमें ससुराल वाले असफल रहे। शगुफ्ता का मना करना ससुराल के लोगों को इस कदर नागवार गुजरा कि उन्होंने उसके साथ न सिर्फ मारपीट की बल्कि तीन बार तलाक बोलकर तलाक दे दिया।
उत्तरप्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद से तीन तलाक से पीड़ित मुस्लिम महिलाएं भी खुल कर इसके विरोध में उतर चुकी हैं। इससे पहले भी सहारनपुर की एक महिला आतिया साबरी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ऐसे ही एक मामले में इंसाफ की गुहार लगाई थी। फ़िलहाल तीन तलाक पूरे देश में बहस का मुद्दा बना हुआ है। मुस्लिम समाज जहाँ इसे धर्म की दुहाई देकर इससे छेड़छाड़ को गलत बता चुका है वहीँ मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इन सब के बीच मुस्लिम महिलाओं द्वारा इसके विरोध में आना यह बताने को काफी है कि किस प्रकार धर्म की आड़ में महिलाओं का उत्पीडन होता है। शगुफ्ता मामले में रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कारवाई जारी है।