गया के बहुचर्चित आदित्य सचदेवा हत्याकांड मामले में आज जिला न्यायालय ने फैसला सुनाया। गया के जिला न्यायालय ने मुख्य आरोपी रॉकी यादव सहित सभी चारों आरोपियों को दोषी करार देते हुए फैसला 6 सितम्बर तक सुरक्षित रखा है। अब 6 सितम्बर को चारों आरोपियों को सजा सुनाई जाएगी। इससे पहले 25 अगस्त 2017 को इस मामले में सुनवाई पूरी हो गई थी।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस मामले की स्पीडी ट्रायल के जरिये त्वरित सुनवाई हुई थी। इस मामले में तत्कालीन जदयू विधान पार्षद मनोरमा देवी और पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष बिंदी यादव के बेटे राकेश कुमार उर्फ रॉकी यादव को मुख्य आरोपी बनाया गया था। इसके अलावा रॉकी के चचेरे भाई टेनी यादव और गार्ड राजेश कुमार भी इस मामले में सह आरोपी थे। वहीं क्षेत्र के बाहुबली नेता और रॉकी के पिता बिंदी यादव को भी साक्ष्य छुपाने का आरोपी बनाया गया था। टेनी यादव,राजेश कुमार और बिंदी यादव जमानत पर बाहर थे जबकि रॉकी जेल में था।

इस मामले में कुल 29 लोगों की गवाही हुई थी जिसमें कई पुलिसकर्मी और जज भी शामिल थे। हालांकि सुनवाई के दौरान चश्मदीदो ने आरोपी को पहचानने से इंकार कर दिया था और गवाह अपने बयान से मुकर गए थे।

आखिर क्या था मामला

7 मई 2016 को आदित्य सचदेवा अपने दोस्तों नासिर हुसैन, आयुष अग्रवाल, मो. कैफी और अंकित अग्रवाल के साथ कार से बोधगया से अपने घर लौट रहा था। रास्ते में आदित्य ने साथ चल रहे रेंज रोवर गाड़ी से साइड पास मांगी और ओवरटेक करने लगा। इससे आग बबूला हुए विधायक पुत्र रॉकी यादव ने गाड़ी को रुकवा कर उसे गोली मार दी थी। मेडिकल कॉलेज ले जाते समय रास्ते में ही आदित्य की मौत हो चुकी थी।

रोड रेज के इस मामले में हत्या के दो दिन बाद 9 मई 2016 को रामपुर थाने में केस दर्ज दर्ज हुआ था। मीडिया को दिए गए कवरेज के कारण रॉकी यादव की राजनीतिक पृष्ठभूमि कुछ काम नहीं आई थी और 12 मई को पुलिस ने रॉकी यादव को गिरफ्तार कर लिया था। मामले को राष्ट्रीय स्तर पर आने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने भी इस केस का संज्ञान लिया था और 11 सितंबर से पहले केस का फैसला सुनाने का स्पष्ट निर्देश दिया था।A local court ruled today in the Aditya Sachdeva massacre case of Gaya

आदित्य की मौत को 16 महीने हो गए है, लेकिन उसके माता-पिता के आंसू थमे नहीं है। आदित्य के माता-पिता ने रॉकी यादव के लिए फांसी की मांग की है, ताकि यह फैसला लोगों के लिए नजीर बने और किसी के कलेजे के टुकड़े को कोई रॉकी यूं ही छीन के ना ले जा पाए। अदालत के इस फैसले के बाद अब उन्हें बस इंतजार है 6 सितम्बर का जब रॉकी को सजा सुनाई जाएगी।

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