कश्मीर में सीमा पार से लगातार हो रही फायरिंग और पुलिस व सेना के जवानों पर हो रहे आतंकी हमलों के बावजूद भारतीय नौजवान डरने वाले नहीं है। इसका सीधा असर कश्मीर में देखने को मिला। जहां हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों की कश्मीरियों को सेना से दूर रहने की चेतावनी के 4 दिन बाद ही करीब 2000 कश्मीरी युवा सुरक्षा बलों में जाने को तैयार दिखे।
शनिवार को 2000 युवक-युवतियां बख्शी स्टेडियम में सेना भर्ती की परीक्षा में शामिल हुए। इससे पहले शोपियां में लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या कर आतंकियों ने कश्मीरी युवाओं को सेना से दूर रहने की चेतावनी दी थी।
शनिवार को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के 698 पदों के लिए फिजिकल टेस्ट हुए। इसके लिए 67000 आवेदन आए थे। बता दें कि आतंकी संगठन कश्मीरी युवाओं को सुरक्षा बलों में भर्ती न होने की चेतावनी देते रहते हैं और धमकी भरे विडियो भी जारी करते रहते हैं।
इसके बावजूद घाटी के युवा धमकियों की परवाह किए बिना जम्मू-कश्मीर की पुलिस भर्ती के लिए लाइन में खड़े दिखे। उनकी संख्या जम्मू से आने वाले युवाओं की संख्या में काफी ज्यादा थी। शनिवार को आए 67000 अभ्यार्थियों में से 35,722 कश्मीर से थे जबकि 31,496 अभ्यार्थी जम्मू से आए थे। इस टेस्ट के लिए जम्मू-कश्मीर से 64,625 युवा आए थे जिसमें से 58,584 लड़के व 6041 लड़कियां शामिल थीं।
जम्मू-कश्मीर डीजीपी एसपी वैद्य ने बताया, दर्जनों कश्मीरी लड़कियों ने समाज की तमाम रूढ़ियां तोड़ते हुए पुलिस भर्ती के फिजिकल टेस्ट में हिस्सा लिया। 6000 से ज्यादा कश्मीरी लड़कियां सब-इंस्पेक्टर्स की भर्ती के लिए हुए फिजिकल टेस्ट में शामिल हुईं।
पुराने श्रीनगर से सायंस ग्रेजुएट मोहम्मद रफीक भट्ट ने कहा कि उन्हें अच्छे से पता है कि आतंकियों से मिलतीं धमकियों के बीच घाटी में एक पुलिसकर्मी का जीवन कैसा होता है। रफीक ने कहा कि लेकिन मैं आतंकियों से खतरा मोल लेने को तैयार हूं।









