जब देश गणतंत्र दिवस की खुशियां मना रहा था, तभी बॉर्डर से ऐसी ख़बर आई जिससे सबकी आंखे नम हो गईं। कश्मीर के गुरेज सेक्टर में हुए हिमस्खलन से 6 जवान शहीद हो गए, जबकि अन्य 6 को बचा लिया गया। बुधवार को हुए हिमस्खलन की चपेट में कई जवान दब गए थे। तीन जवानों के शव निकाल लिए गए हैं। इस घटना में एक जेसीओ सहित 6 जवानों को बचा लिया गया है। इसी इलाके में कल हुई हिमस्खलन की एक और घटना में सेना का एक वाहन भी लापता हो गया और अब तक तीन जवानों के शव हासिल कर लिए गए हैं।
सोनमर्ग के पहाड़ी इलाके में पिछले 15 दिनों से भारी बर्फबारी हो रही है। करीब 6 से 7 फीट बर्फ अब तक गिर चुकी है। सोनमर्ग इलाके में स्थित सेना के एक शिविर में हिमस्खलन से एक मेजर की मौत हो गई थी। दूसरी तरफ, कुपवाड़ा जिले में बर्फीला तूफान आने से चार लोगों के उसके नीचे दबकर मौत हो गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमस्खलन में जवानों के शहीद होने पर गहरा दुख व्यक्त किया और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।
गौरतलब है कि कश्मीर में भारी बर्फबारी से मौसम बेहद खराब हो चुका है। मंगलवार शाम को ही इस तरह के बर्फीले तूफान आने की चेतावनी जारी की जा चुकी थी। बर्फीले तूफान से प्रभावित पूरे इलाके में बचाव अभियान चलाया जा रहा है। बुधवार से अब तक कश्मीर में हिमस्खलन की तीन बड़ी घटनाएं सामने आई हैं। इनमें सेना के एक मेजर सहित करीब एक दर्जन लोगों की मौत हो गई है। प्रशासन ने लोगों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है। 10 फरवरी 2016 को नॉर्थ ग्लेशियर में हिमस्खलन की चपेट में आने से 10 जवान शहीद हो गए थे। लांस नायक हनुमनथप्पा को सुरक्षित निकाल लिया गया था। हालांकि, बाद में आस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।