पूरे देश में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं लेकिन केरल और महाराष्ट्र में हालात सामान्य होने का नाम नहीं ले रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार पूरे देश में प्रतिदिन कोरोना के नए मामलों में 52 फीसद से अधिक केरल और महाराष्ट्र से आ रहे हैं। देशभर में कोरोना के कारण हो रही मौंतों में लगभग आधी महाराष्ट्र में हो रही है।

पूरे देश में कोरोना संक्रमण दर में काफी गिरावट दर्ज की गई है। देश के 66 जिलों में ही 10 फीसद से ज्यादा संक्रमण दर रह गई है। इनमें से केरल के संख्या आठ और महाराष्ट्र में दो जिले शामिल हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश का श्रावस्ती जिला कोरोना मुक्त हो गया है। राज्य में केस कम हो रहे हैं।

केरल और महाराष्ट्र में बढ़ते संक्रमण दर पर अधिकारियों का कहना है कि बढ़ते कोरोना केस पर जांच चल रही है। आवश्यकता पड़ने पर महाराष्ट्र और केरल में विशेषज्ञों की टीम भेजी जाएगी। टीम वहां जाकर बढ़ते केस के कारण का पता करेंगे। नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप आन इम्युनाइजेशन (एनटागी) के प्रमुख डा. एनके अरोड़ा ने पिछले दिनों केरल के अधिकारियों से नए केस अधिक आने की वजह जानने की कोशिश की।

केरल के अधिकारियों का कहना था कि उनके यहां कराए गए सीरो सर्वे में अब भी 20 फीसद लोगों में ही एंटीबाडी पाई गई है।मतलब साफ है 80 फीसदी लोग अभी भी कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। केरल के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में कोरोना को लेकर काफी जागरुकता है यही कारण है कि लोग मास्क, शारीरिक दूरी पालन कर रहे हैं जिससे संक्रमण का चेन कमजोर है। लेकिन अब जनता संक्रमित हो रही है।

हालांकि केरल का यह तर्क पूरी तरह से गले नहीं उतर रहा है क्योंकि दुनिया के अधिकांश देशों में तमाम सावधानी बरतने के बावजूद संक्रमण तेजी से फैला और कम हुआ है जबकि केरल में जनवरी से ही कोरोना के केस बढ़ने शुरू हो गए थे और अभी तक कम नहीं हुए हैं।

बता दें कि पहली लहर से अब तक महाराष्ट्र में कोरोना के अब तक 61 लाख से अधिक केस आ चुके हैं और दूसरे नंबर पर 30 लाख से अधिक केस के साथ केरल है। इन दोनों राज्यों से अधिक जनसंख्या के बावजूद अन्य राज्यों में संक्रमण के मामले अपेक्षाकृत कम हैं। 

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