हरियाणा की एक अदालत ने मानेसर स्थित मारुति प्लांट में साल 2012 में हुई भीषण तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाया। गुरूग्राम के अतिरिक्त जिला एंव सत्र न्यायाधीश आर पी गोयल ने आज 31 लोगों को मामले में दोषी करार दिया और 117 लोगों को बरी कर दिया गया। कोर्ट ने कहा इस मामले में अगले बुधवार यानि 15 मार्च को सजा सुनाई जाएगी। कानूनी विशेषज्ञों की माने तो इन आरोपियों को जिन धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है, उनके अनुसार उन्हें उम्रकैद या फांसी की सजा हो सकती है। कोर्ट में फैसला सुनाते वक्त किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

31 people guilty in Manesar Maruti plant fire, 117 got the bail - 1

गौरतलब है कि 18 जुलाई 2012 को मानेसर के मारुति प्लांट के कुछ आंदोलनकारी कर्मचारियों ने प्लांट में आग लगा दी थी, जिसमें वहां के एच आर के महाप्रबंधक अश्विनी की मौत हो गई थी। इसके अलावा इस घटना में 94 लोग घायल भी हुए थे। दरअसल, उस वक्त कंपनी ने कुछ कर्मचारियों को हटाने का फैसला किया था जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे थे। धीरे-धीरे विरोध ने इतना भंयकर रुप ले लिया कि उत्तेजित कर्मचारियों ने प्लांट में ही आग लगा दी। यह हिंसा एक पर्यवेक्षक द्वारा कथित तौर पर एक मजदूर को गाली देने और थप्पर मारने के बाद शुरू हुई थी। इस घटना के बाद लगभग 2,500 कर्मचारियों के साथ ही 546 स्थायी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई थी। इस आंदोलन और आग की घटना के बाद उक्त संयंत्र दो माह तक बंद कर दिया था। पुलिस ने इस संबंध में 500 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था जिनमें से 147 कर्मचारियों को अदालत के आदेश के बाद जेल भेज दिया गया था।

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