प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जवला योजना के तहत ग्रामीण परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने का फैसला लिया था। इस योजना का बड़ा महत्व इसलिए था क्योंकि पीएम मोदी ग्रमीण क्षेत्रों में चुल्हे पर खाना बनाने के कारण धुंए झेलने वाली महिलाओं को तोहफा देना चाहते थे। मोदी सरकार ने उत्तरप्रदेश के बलिया से अपनी सबसे महत्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरूआत की थी। पिछले साल शुरू कि गई इस योजना के तहत अब दो करोड़ 20 लाख परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मिल चुका है।
इस योजना का मुख्य एजेंडा अगले तीन सालों में आर्थिक रूप से कमजोर पांच करोड़ परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देना है। केंद्र सरकार ने दावा किया है कि इस योजना को लागू हुए एक वर्ष हो गया है और उन्होंने 40 फ़ीसदी परिवारों को यह सुविधा मुहैया करा दी है। इस योजना को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने आठ हजार करोड़ रूपये का बजट भी तय कर रखा है। बता दें कि जब इस योजना को लागू किया गया था तब इस योजना में एक करोड़ पचास लाख परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने का टारगेट रखा गया था लेकिन मोदी सरकार ने टारगेट से ज्यादा 70 लाख और परिवारों को कनेक्शन दिलवाया। उज्जवला योजना के लिए समाजिक आर्थिक जाति जनगनणा 2011 के आकंडो के आधार पर लाभर्थियों की पहचान की गई है।
उज्जवला योजना में करीब 16 राज्यों की पहचान की गई है जहां एलपीजी के कनेक्शन को पहुंचाने का जिम्मा केंद्र सरकार ने लिया है। इन 16 राज्यों में 8 करोड़ 52 लाख 39 हजार 659 लोगों की पहचान हुई है। अभी तक सरकार ने 2 करोड़ 20 लाख परिवारों को यह एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध करा दिया है। जिसके हिसाब से हर परिवार को 1600 रुपये में एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराया गया है। इसके चलते योजना में करीब 3500 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। जिन पांच राज्यों में कनेक्शन दिया गया है उनमें पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर मुख्य है तो वहीं झारखंड, बिहार, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में इसकी रफ्तार कम है। बताया जा रहा है कि इस योजना की शुरूआत जल्द ही असम में भी की जाएगी। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया है जिसमें लोग इससे जुड़ी किसी भी परेशानी के लिए कॉल कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि अब तक इस हेल्पलाइन पर 205491 कॉल्स आ चुकी है जिसमें ज्यादातर कॉल्स कनेक्शन के लिए थे।