—Shweta Rai
Packed Juice: गर्मियों की शुरूआत हो गयी है जिसकी वजह से सॉफ्ट ड्रिंक और पैक्ड फ्रूट जूस की मांग तेजी से बढ जाती है। ऐसे में लोग इन्सटेन्ट एनर्जी ड्रिंक्स या पैक्ड फ्रूट जूस लेते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इसके लगातार सेवन से आप किस तरह की सेहत से जुड़ी समस्याओं से दो चार होने वाले हैं। नहीं पता न आपको लेकिन हम आपको बतायेंगे कि क्या है इसके नुकसान। सुबह के नाश्ते से ही लोग पैकेज्ड फ्रूट जूस का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं और हो भी क्यों ना क्योंकि इन पैक्ड फ्रूट जूससे की मार्केटिंग इतने अच्छे से की जाती है कि लोग समझ नहीं पाते कि क्या ये वाकई में सेहत के लिये अच्छे हैं ।
मार्केट में तमाम तरह के पैकेज्ड फ्रूट जूसेस मिलते हैं। पहले लोग अच्छी सेहत के लिए फलों के जूस का सेवन करते थे लेकिन भागदौड़ भरी जीवनशैली या आलस की वजह से ताजे फलों का जूस पीने की जगह पर डिब्बाबंद जूस का इस्तेमाल करने लगे हैं। क्या आपको पता है कि इस जूस को सुरक्षित रखने के लिए पैकिंग से पहले कई तरह के ट्रीटमेंट से होकर गुजरना पड़ता है और इसमें प्रिजर्वेटिव भी मिलाए जाते हैं। यही कारण है कि एक्सपर्ट हमेशा लोगों को पैकेट वाले जूस से बचने की सलाह देते हैं।

हाँ लेकिन अगर आप पैक्ड फ्रूट जूस ले रहे हैं तो किन बातों का ध्यान रखें….
1- पहले इन जूस की expiry date ज़रूर चेक करें
2- Nutritional Information ज़रूर चेक करें कि इससे कितनी कैलोरी आपको मिल रही है
3- शुगर कितना है
4- Fat कितना है
5- कौन सा केमिकल डाला गया है
6- क्या कोई सेंथटिक कलर तो इसमें डाला नहीं गया है
7- आपका फ्रूट पैक अगर ज़रूरत से ज्यादा फूल गया है और एक्सपायरी डेट सही है तो ऐसे जूस पैक को लेने से बचें।

पैक्ड फ्रूट जूस या सॉफ्ट कोल्ड ड्रिक्स किस तरह से आपके सेहत को नुकसान पहुँचा सकते हैं । आइए आपको बताएं:
1-पैक्ड फ्रूट जूस बच्चों को बीमार बना सकते हैं क्योंकि इन पैक्ड फ्रूट जूस में न तो फाइबर होता है और न ही कोई प्राकृतिक पोषक तत्व।
2- डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है: पैकेट बंद फ्रूट जूस में सामान्य जूस की तुलना में शुगर की मात्रा ज्यादा होती है लंबे समय तक इसका सेवन करने से डायबिटीज की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे लोग जिनके शरीर का ब्लड शुगर हाई है उन्हें ऐसे जूस का सेवन करने से बचना चाहिए।
3- पैकेटबंद जूस में आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल किया जाता है। जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। हालांकि आर्टिफिशियल कलर के इस्तेमाल से तमाम कंपनियां इसे फल विशेष के रंग में ढालने की कोशिश करती हैं, लेकिन इसके सेवन से शरीर को नुकसान होता है। जैसे –स्किन एलर्जी,शरीर पर दाने निकलना आदि ।

4- बच्चों के लिए नुकसानदायक होते हैं– पैकेज्ड जूस को सुरक्षित रखने और लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए इसमें कई तरह के केमिकल्स मिलाए जाते हैं। इसलिए इसका सेवन बच्चों के लिए बहुत हानिकारक हो जाता है। अगर आप भी बच्चे को लगातार पैकेट वाले फ्रूट जूस पीने के लिए देते हैं तो उन्हें इसके बजाय ताजे फल दें या ताजे फलों का जूस घर पर निकालकर पिलाएं। पैकेट वाले जूस की वजह से बच्चों को स्किन एलर्जी, फूड एलर्जी जैसी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
5-ब्रेन के लिए नुकसानदायक होते हैं: मार्केट में बिकने वाले पैक्ड और फ्लेवर्ड फ्रूट जूस में कैडमियम, कार्बनिक, आर्सेनिक और मरकरी या लेड पाया जाता है, जो बच्चों के स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा असर डालता है। पैक्ड जूस में पाए जाने वाले मेटल बच्चों के नवर्स सिस्टम पर बुरा प्रभाव डालते हैं, जिससे बच्चे के विकासशील ब्रेन को भी नुकसान पहुंचता है।
6-पेट की समस्या– पैक्ड जूस पीने से गैस की समस्या, डायरिया, पेट में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पैकेट वाले जूस में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है जिसकी वजह से इसका सेवन पाचन तंत्र के लिए नुकसानदायक होता है। रोजाना पैकेज्ड फ्रूट जूस पीने वाले लोगों को इसका खतरा ज्यादा रहता है।
7- मोटापा बढ़ाता है पैक्ड जूस – पैक्ड जूस के सेवन से मोटापा (Fat) भी बढ़ता है। क्योंकि इसमें शुगर की मात्रा अधिक होती है और इसके अलावा इनमें हार्मफुल केमिकल और प्रिज़रवेटिव का उपयोग किया जाता है जो शरीर के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। इससे शरीर पर मोटापा चढ़ने लगता है।

तो अब आप कोशिश करें कि ताजे फलों का सेवन करें। चूँकि फलों में शुगर नेचुरल रूप से पाया जाता है जो आपको सभी फलों में मिल जायेगा और ये आपके शुगर लेविल को भी नहीं बढ़ायेगा और आप मोटापे की समस्या से भी बच सकते हैं। फलों में मिलने वाला फाइबर अपके पाचन के लिये उपयोगी होता लेकिन, जब हम फलों का रस लेते हैं, तो फ़ाइबर अलग हो जाता है। सिर्फ फ्रक्टोज़ और कुछ विटामिन ही उस में रह जाते हैं, जो हमारे शरीर में जाते हैं।
जब हम फलों का रस लेते हैं, तो फ्रक्टोज़ तेज़ी से हमारे ख़ून में घुल जाता है। ख़ून में अचानक चीनी की मात्रा बढ़ती है, तो हमारा अग्न्याशय इंसुलिन नाम का हारमोन छोड़ता है, जो शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है लेकिन जिन्हें डायबिटीज की समस्या है वो डॉक्टर की सलाह पर ही फल खाएं । अगर फलों के जूस में सब्ज़ियों की कुछ तादाद भी मिला दी जाये तो, ये फलों के रस के मुक़ाबले ज़्यादा बेहतर होगा। हालांकि फ़ाइबर इनमें भी नहीं होता मगर, ये हमारे ख़ून में देर से घुलेंगे, तो शुगर की मात्रा अचानक से नहीं बढ़ेगी।
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