Delhi-NCR की हवा यहां रहने वालों के लिए बीते कुछ दिनों में मुसीबत का सबब बन गयी है। दरअसल दीवाली के बाद बढ़े प्रदूषण के बाद स्थिति यह है कि अस्थमा और एलर्जी के मरीजों को खासा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। चिंताजनक बात ये है कि छोटे बच्चे इस प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। छोटे बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है। साथ ही साथ सभी आयु वर्ग के लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत पेश आ रही है।
अस्थमा और एलर्जी के मरीजों में बढ़े लक्षण
मामले पर दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के बाल रोग विभाग के डॉ धीरेन गुप्ता ने बताया, ‘पिछले 10-15 दिनों में हमने अस्थमा और एलर्जी के मरीजों में लक्षणों में वृद्धि देखी है। उन्हें अधिक इनहेलेशन थेरेपी की आवश्यकता होती है। अभी हमारे पास अस्थमा के गंभीर स्थिति वाले 3 मरीज हैं।’
आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत
उन्होंने कहा, ‘यह रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस का मौसम है, ऐसे में प्रदूषण के कारण जिन बच्चों को रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन हो रहा है, उन्हें सांस की समस्या ज्यादा हो रही है। आंखों में भी जलन की समस्या है।’
डॉक्टर ने बताया, ‘यह आमतौर पर इससे पहले नहीं हुआ था, खासकर जब उनके पास नियमित इनहेलर हों। तो, निश्चित रूप से, प्रदूषण उन बच्चों को प्रभावित कर रहा है जिन्हें अस्थमा के अटैक का जोखिम है। हम यह भी देख रहे हैं कि जो बच्चे बिल्कुल सामान्य थे, उन्हें भी सांस लेने में दिक्कत हो रही है।’
उन्होंने कहा, ‘पीएम वैल्यू इतनी खराब है कि यह आंखों को प्रभावित कर रही है, जलन पैदा कर रही है और इससे सिर चकराने लगता है। प्रदूषण के कारण बच्चे और चिड़चिड़े हो जाते हैं।’
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