Candida Auris: हाल ही में कोरोना के मामलों में आई गिरावट से अभी पूरी तरह से उबरे भी नहीं हैं कि कैंडिडा ऑरिस का संक्रमण अब लोगों को लपेटे में लेने लगा है।ताजा अपडेट के अनुसार दुनिया के कई हिस्सों में अचानक ही कैंडिडा ऑरिस के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।बढ़ते मामलों को देख लोगों में चिंता बढ़ गई है।यह बीमारी पूरे 14 साल बाद फिर से पैर पसार रही है, दुनिया के कई हिस्सों से लगातार इससे जुड़े केस सामने आ रहे हैं। आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी सभी खास बातें यहां।

Candida Auris: क्या होता है कैंडिडा ऑरिस ?
Candida Auris: कैंडिडा ऑरिस जिसे (सी. ऑरिस) भी कहते हैं , यह एक प्रकार का फंगस है। सी. ऑरिस एक यीस्ट है, जो गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। कभी-कभी प्रकोप का कारण भी बनता है। कैंडिडा के कुछ स्ट्रेन्स मनुष्यों को प्रभावित कर सकते हैं और गंभीर या घातक हो सकता है। सी. ऑरिस कैंडिडा फंगस के कुछ प्रकारों में से एक है, जो मनुष्यों में फैलता है।
Candida Auris: जानिए कैंडिडा ऑरिस के लक्षण

Candida Auris: कैंडिडा ऑरिस शरीर के विभिन्न हिस्सों में संक्रमण पैदा कर सकता है। मसलन ब्लड स्ट्रीम संक्रमण, वूंड संक्रमण और कान में संक्रमण। अक्सर सी.ऑरिस के लक्षण इसके संक्रमण के प्रकार पर निर्भर करते हैं और बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमण के लक्षणों के समान ही होते हैं। सी. ऑरिस के लिए किसी खास तरह के लक्षणों का कोई सामान्य समूह नहीं है।
कैसे फैलता है कैंडिडा ऑरिस?
आमतौर पर, सी. ऑरिस अस्पतालों और अन्य केयर फैसिलिटीस में दूषित सतहों या उपकरणों के संपर्क में आने से फैलता है। हालांकि, यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है। कैंडिडा से पीड़ित व्यक्ति अपनी स्किन सेल्स के जरिए इस फंगल को फैला सकते हैं। ऐसे में सी. ऑरिस को फैलने से रोकने के लिए, सफाई और स्वच्छता बेहद महत्वपूर्ण हैं।
कैंडिडा ऑरिस का इलाज
ये रोग गंभीर हैं, लेकिन फिर भी यह कई मामलों में इलाज के योग्य है। आमतौर पर, इसका इलाज इचिनोकैंडिन्स नामक एंटिफंगल दवाओं से शुरू होता है।अगर अधिक गंभीर संक्रमण होता है, तो इन मामलों में, डॉक्टर आमतौर पर संक्रमण को खत्म करने के लिए बहुत अधिक मात्रा में एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल करते हैं।
बचने के लिए टिप्स
- इस संक्रमण के जोखिम की पहचान करने के लिए कैंडिडा ऑरिस के मरीजों की जांच करना
- सी. ऑरिस से पीड़ित मरीजों के साथ काम करने वाले लोगों की संख्या को सीमित करें
- मरीज को एक कमरे में या अन्य मरीजों से अलग रखें
- नियमित रूप से अपने हाथों को लगातार धोएं
डिस्कलेमर- इस लेख में दिए गए सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं।कोई भी सवाल या परेशानी हो ।
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