World Tiger Day 2022: पूरा विश्व आज अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मना रहा है। बाघों की कम हो रही प्रजातियों को बचाने के लिए इस दिन को लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मानाया जाता है। यह दिवस 2010 से मनाया जा रहा है। 2010 में रूस के पीटर्सबर्ग में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस में हर साल की 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस मनाने का फैसला लिया गया था।
इस इंटरनेशनल समिट में बाघों की आबादी वाले 13 देशों ने हिस्सा भी लिया था। सभी ने इस दौरान बाघों की संख्या को 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा था। भारत ने इस टारगेट को 2018 में ही हासिल कर लिया था। World Wildlife Fund के मुताबिक पिछले 150 सालों में बाघों की आबादी में लगभग 95 प्रतिशत की गिरावट आई है।
World Tiger Day 2022: एमपी फिर से घोषित होगा ‘टाइगर स्टेट’
टाइगर रिजर्व में बाघ नहीं दिखेंगे तो टाइगर रिजर्व का कोई मतलब नहीं है। वहीं कान्हा नेशनल पार्क में हर साल बाघों की संख्या में इजाफा होता आ रहा है। वर्ष 2022 में बाघों की संख्या लगभग 120 थी, जो अब बढ़कर लगभग 140 हो गई है, इस गणना में लगभग 40 बाघ बच्चों को भी 2022 की अखिल भारतीय बाघ गणना में शामिल किया जाएगा और एक बार फिर मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिया जाएगा।
साथ में सेल्फी लेते हैं बाघ…
टाइगर स्टेट के नाम से मध्यप्रदेश को देश के साथ ही विदेशों में पहचान दिलाने वाला कान्हा नेशनल पार्क है। यहां ऐसे भी बाघ हैं जो सैलानियों के बीच रहते हैं और साथ ही सेल्फी लेने के लिए बड़े मशहूर हैं। वो लोगों को देखकर अपना रास्ता नहीं बदलते बल्कि उनके सामने ही चलते हैं और उन्हे सेल्फी लेने का भरपूर मौका देते हैं। अगर इन बाघों का मन हो जाए तो पर्यटको को घंटो तक अपना दीदार कराते हैं।
मनुष्य जीवन में टाइगर निभा रहे हैं भूमिका
टाइगर्स का मनुष्य जीवन में बहुत बड़ी भूमिका है। अगर टाइगर हैं तो मानव जीवन और प्रकृति का बैलेंस बना हुआ है. अगर ये बैलेंस बना हुआ है तो हम सुरक्षित है और हम अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहें कि हमें अपनी प्रकृति को बचाना है जिसका टाइगर एक सिंबल है। आइए इस खास मौके पर हम संकल्प लें कि हमें प्रकृति को समझना है , प्रकृति के जो रूप हैं वो हमारे सहयोग और सुरक्षा के लिए हैं जिन्हे हमें हर हाल में बचाना है।
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